दमोह। दमोह उपचुनाव (Damoh by election) के लिए 17 तारीख को मतदान होना है. अपनी किस्मत आजमाने के लिए 22 प्रत्याशी मैदान में थे. जिसमें से एक प्रत्याशी भाजपा में शामिल हो गया है. इस तरह 21 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला (21 candidates decide their fate) शनिवार को होने वाली वोटिंग मशीन यानी ईवीएम (Imprisoned in voting machine ie EVM) में कैद होगा. दमोह विधानसभा (Damoh Assembly) का यह उप चुनाव (by poll) काफी रोचक हो गया है. मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में है लेकिन भारतीय शक्ति चेतना पार्टी ( Bharatiya Shakti Chetna Party) ने मामले को त्रिकोणीय बना दिया है.
वहीं सपाक्स और भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी (BJP candidate Rahul Singh Lodhi) के चचेरे भाई वैभव सिंह लोधी (Independent candidate Vaibhav Singh Lodhi), भी वोट काटने की स्थिति में हैं. इस पूरे चुनाव में सबसे दिलचस्प बात यह है कि पहली बार ऐसा हुआ है कि मैदान में बसपा और सपा गायब है. इस बार दोनों ही पार्टियों ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. बसपा और सपा का मैदान में न रहने का सीधा लाभ कांग्रेस को मिल सकता है. भारतीय शक्ति चेतना पार्टी, सपाक्स और निर्दलीय प्रत्याशी वैभव सिंह लोधी के कारण भाजपा के वोट बैंक में सेंध लग सकती है.
अजय टंडन का यह तीसरा चुनाव
इस चुनाव पर नजर डालें तो कांग्रेस से अजय टंडन (Ajay Tandon from Congress), भाजपा से राहुल सिंह मैदान में हैं. अजय टंडन 1998 और 2003 में जयंत मलैया के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. 1998 के चुनाव में जयंत मलैया को 45891 और अजय टंडन को 40485 मत मिले थे. इसी तरह 2003 में उमा भारती की लहर में अजय टंडन 12000 के अधिक मतों के अंतर से हार गए थे. इस चुनाव में जयंत मलैया को 57707 और अजय टंडन को 45386 मत प्राप्त हुए थे.
कौन हैं अजय-राहुल?
भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री जयंत मलैया (Former Minister Jayant Malaiya) को शिकस्त दी थी. राहुल सिंह को 78997 और जयंत मलैया को 78199 मत प्राप्त हुए थे. राहुल सिंह का जीत का अंतर काफी कम था. राहुल सिंह ,हिंडोरिया से ताल्लुक रखते हैं, उनके भाई प्रदुम्न सिंह लोधी बड़ा मलहरा से विधायक हैं. 2014-15 में कांग्रेस के मैंडेड पर ही राहुल सिंह लोधी जिला पंचायत का चुनाव लड़कर जीते थे. जबकि उनकी मां नगर परिषद हिंडोरिया की अध्यक्ष रह चुकी हैं.
दमोह का 'रण': शनिवार को EVM में कैद होगी उम्मीदवारों की किस्मत