दमोह।कलेक्टर की जनसुनवाई में उस समय हर कोई हैरान रह गया जब एक मजबूर व्यक्ति को उन्होंने जमीन पर बैठकर आवेदन लिखते देखा. दरअसल 50 वर्षीय विनोद अहिरवार अपने पैर के ऑपरेशन को लेकर परेशान है. उसका कहना है कि, पिछले ढाई महीने से वह ऑपरेशन के लिए दर-दर भटक रहा है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं. 4 अप्रैल को विनोद का एक्सीडेंट हो गया था, जिसके बाद से वह अपना इलाज कराने के लिए लगातार जिला अस्पताल के चक्कर काट रहा है. कुछ दिन वह अस्पताल में भर्ती भी रहा, पर लॉकडाउन के कारण उसका ऑपरेशन नहीं हो सका. वहीं अब जब भी वह जिला अस्पताल जाता है, तो 10 या 15 दिन बाद का कहकर उसे वापस भेज दिया जाता है. आखिर में थक-हारकर वो अपनी शिकायत लेकर कलेक्टर के पास पहुंचा.
रॉड-पत्थर से बांध दिया काम चलाऊ प्लास्टर
दमोह के मल्लपुरा क्षेत्र का रहने वाला 50 वर्षीय विनोद अहिरवार 4 अप्रैल को हादसे का शिकार हो गया था. उसका रिक्शा एक वाहन स टकरा कर पलट गया था. हादसे में उसके पैर की हड्डी टूट गई. जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि उसके पैर का ऑपरेशन होना है. लेकिन जिला अस्पताल में 19 अप्रेल तक उसका ऑपरेशन नहीं हो सका. वहीं 19 अप्रैल से दमोह में लॉकडाउन लग गया. दूसरी तरफ कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण डॉक्टरों ने विनोद का ऑपरेशन करने से मना कर दिया.
डेढ़ महीने तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद भी उसका ऑपरेशन नहीं हो सका. अब लॉकडाउन खत्म हो गया है, लेकिन विनोद का आरोप है कि उसके पैर का डॉक्टर ऑपरेशन नहीं कर रहे हैं. पीड़ित का कहना है कि वह बार-बार अस्पताल गया, लेकिन इलाज नहीं मिल सका. हालांकि इस दौरान ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर ने उसके पैर में एक रॉड जरूर लगा दी थी ताकि पैर हिले डुले नहीं.