दमोह। कोरोना काल में लोगों को सुविधाएं मिलें और आपातकालीन स्थिति में खातों में जमा पैसा भी समय पर मिल जाए. इसके लिए सभी बैंकों में विशेष दिशा निर्देश दिए गए हैं लेकिन जबेरा ब्लॉक के ग्राम सिंग्रामपुर में खुला मध्यांचल बैंक अपने अधिकारियों और कर्मचारियों की वजह से लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. 40 ग्रामों के लोग इसी बैंक पर निर्भर है. क्योंकि और कोई दूसरा बैंक यहां पर है नहीं, इसके बावजूद भी लोगों को अपना स्वयं का पैसा प्राप्त करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ग्रामीण काट रहे बैंक के चक्कर
यहां के मैनेजर और कर्मचारी कभी भी समय पर नहीं पहुंचते हैं, जिससे लोग खड़े-खड़े परेशान हो जाते हैं. मध्यांचल बैंक ना तो समय पर खुलता है और ना ही बैंक का स्टाफ समय पर पहुंचता है. जिससे दूरदराज के लोगों और किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, बैंक के चक्कर हर दिन काटने पड़ रहे हैं.
बैंक में समय पर नहीं पहुंचते अधिकारी चपरासी देता है घुमाऊ जबाव
ग्राम वासी बैंक में पैसा निकालने पहुंचते है तो बैंक चपरासी द्वारा बताया जाता है अभी साहब नहीं आए हैं. बैंक में यह समस्या आए दिन बनी हुई है. कोरौना महामारी से बचते हुए अपने साधन से जैसे-तैसे बैंक पहुंच रहे हैं, लेकिन आये दिन स्टाफ न पहुंचने से बैंक बंद की स्थिति में बनी हुई है. जिससे किसान और आम जनता परेशान हो रही है.
बैंक में लगा रहता है ताला
सिंग्रामपुर निवासी संजय दुबे ने बताया बैंक में स्टॉप समय पर नहीं पहुंच रहा है. 12:30 बजे मैं बैंक पहुंचा जहां बैंक के चपरासी भाईजान की उपलब्ध रहे, लेकिन बैंक कैशियर ना मैनेजर समय पर नहीं पहुंचे. तीसरा दिन है जो हम बैंक पहुंच रहे हैं. बैंक के बाहर चैनल गेट में ताला लगा हुआ है. स्टाफ मैं बैंक का चपरासी है जो अंदर बैठा है और स्टाफ समय पर नहीं पहुंच रहा है. अन्य ग्राम से कोडा, पौड़ी, हरदुआ ,भजिया आदि गांव से किसान खड़े हुए हैं लेकिन पैसा निकालने के लिए स्टाफ ही नहीं है.
लौटना पड़ता है खाली हाथ
कोडा निवासी किरण सिंह ने बताया दो दिन से पैसा निकालने के लिए बैंक आ रहे हैं. लेकिन साहब ने मिलने से वापस खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. स्टाफ से पूछने पर चपरासी द्वारा बताया जाता है कि साहब छुट्टी पर है, लेकिन ऐसा कब तक चलेगा पता नहीं हमें अपना पैसा निकालने के लिए बैंक का चक्कर लगाने पड़ेंगे.