AAP को झटका बुंदेलखंड के 4 जिलाध्यक्षों ने दिए इस्तीफे दमोह।प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में ताकत दिखाने के बाद विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी में बगावत शुरू हो गई है. बुंदेलखंड के पांच जिलों में से चार जिलों के अध्यक्षों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देकर पार्टी के लिए बड़ा संकट पैदा कर दिया है. प्रेसवार्ता में दमोह जिला अध्यक्ष सुनील राय ने इस की घोषणा की. दमोह जिला इकाई के अध्यक्ष सुनील राय ने बताया कि छतरपुर अध्यक्ष ब्रजकिशोर पटेरिया, सागर शहर जिलाध्यक्ष अभिषेक अहिरवार, टीकमगढ़ जिला अध्यक्ष आशीष खरे एवं उन्होंने स्वयं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक सहित अन्य पदाधिकारियों को 22 जनवरी को शिकायत की थी.
अनुशासनहीनता के आरोप :शिकायत में प्रदेश संगठन सचिव एवं बुंदेलखंड के जोन प्रभारी डॉ.धरणेन्द्र जैन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं अनुशासनहीनता के आरोप लगाए थे. इस शिकायत के बाद पार्टी ने 28 जनवरी को प्रदेश कार्यकारिणी भंग कर दी. लेकिन हम शिकायतकर्ताओं को पूछताछ के लिए तलब नहीं किया गया, न ही धरणेन्द्र जैन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. राय ने आरोप लगाया कि नगर पालिका चुनाव में धरणेन्द्र जैन ने छतरपुर एवं टीकमगढ़ में बी फार्म नहीं दिए. प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने से रोका, बिना जिलाध्यक्षों की अनुमति के किसी और को बी फार्म दे दिए. कहीं नौ नंबर फार्म लेट पहुंचाए.
ये आरोप लगाए :उन्होंने प्रदेश संगठन प्रभारी पर आरोप लगाया कि रहली, दमोह, खुरई, सुरखी एवं बड़ा मलहरा में जैन के द्वारा मंत्रियों एवं पूर्व मंत्रियों से मैनेज होकर उनके चहेते व्यक्तियों को या उनके कहे व्यक्ति को टिकट दे दिया. उनका यह टाइअप था कि उनकी विधानसभाओं को छोड़ दिया जाए या जिसे वह कहें उसे टिकट दे दिया जाए. यदि इसमें कोई जिला अध्यक्ष बाधा बने तो उसे भी हटा दो. उस प्रत्याशी के प्रचार, प्रसार, होडिंग, बैनर का खर्चा भी वही देंगे. राय ने यह भी आरोप लगाया कि उन मंत्रियों की तुलना में हम जैसे जिला अध्यक्षों का प्रभाव पद और पैसा कोई मायने नहीं रखता है. न हम उतना फंड दे सकते हैं और ना हमारी इतनी ताकत है.
मध्यप्रदेश में मिशन 2023 के लिए आम आदमी पार्टी AAP ने ठोकी ताल, देखें .. ये है रणनीति
मैनेज होने का आरोप लगाया :यह पूछे जाने पर कि पार्टी में ऐसे लोग काम कर रहे हैं जो मंत्रियों से या दूसरे प्रभावशाली लोगों से मैनेज हैं ? इसके जवाब में राय ने कहा कि जी हां. वह मैनेज हैं और ऐसे ही लोग पार्टी को कमजोर कर रहे हैं. यदि पार्टी संगठन विस्तार कार्यक्रम के तहत दमोह आती है तो मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं कि हमारे इस इस्तीफे के बाद पार्टी अपनी रणनीति बदल दे. राय ने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ही उन्होंने यह त्यागपत्र दिए हैं कि ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाए जो मैनेज होकर प्रत्याशियों का चुनाव करते हैं. गौरतलब है कि आप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने दमोह उप चुनाव के दौरान बड़ा दावा किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदेश के कई मंत्री और पूर्व मंत्री उनके संपर्क में हैं. उनके उस बयान को उस समय तरजीह नहीं मिली लेकिन अब पार्टी के पदाधिकारी ही मंत्रियों से मैंनेज होने की बात कह कर उस बयान की पुष्टि कर रहे हैं.