दमोह। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा प्रदेश के 94 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निलंबित किए जाने के बाद दमोह स्थित एकलव्य यूनिवर्सिटी की चांसलर डॉ. सुधा मलैया ने अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि वह कोर्ट के निर्णय पर तो कोई सवाल खड़ी नहीं करेंगी लेकिन बिना विचारे ही कॉलेज की मान्यता निलंबित की गई है. डॉ. मलैया ने इस बात को सिरे से खारिज किया कि कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गई है. डॉ.मलैया ने स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल में हर साल नर्सिंग कॉलेज की मान्यता के लिए अप्लाई करना पड़ता है. हमारे पास वर्ष 2021-2022 की मान्यता पूर्व से है. इसीलिए इस वर्ष में अध्ययनरत छात्रों की पढ़ाई और उनके भविष्य पर कोई आंच नहीं आएगी.
ये मामला राजनीतिक नहीं : डॉ. मलैया ने आगे कहा कि जिन छात्रों की फीस 2022-23 के लिए जमा है, यदि उनके मन में किसी तरह का संशय है तो वह आकर अपनी फीस ले जा सकते हैं. यह पूछे जाने पर क्या यह मामला राजनीतिक विद्वेष का है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है, क्योंकि केवल मेरे नर्सिंग कॉलेज की मान्यता निलंबित नहीं की गई है. प्रदेश के 94 कॉलेज की मान्यता निलंबित की गई है. जिनका प्रदेश में अपने आपमें बहुत अच्छा रिकॉर्ड है. इसलिए यह कहना गलत होगा कि यह राजनीतिक विद्वेष है.
हाई कोर्ट में हम अपना पक्ष रखेंगे :डॉ. मलैया ने स्पष्ट किया कि ऐसा लगता है कि किसी के कॉलेज को संभवत: मान्यता नहीं नहीं मिल पाई होगी. इसीलिए यह पीआईएल हाईकोर्ट में लगाई गई है. इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकती, लेकिन हम सभी नर्सिंग कॉलेज मिलकर हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे. मुझे उम्मीद है कि हाईकोर्ट हमारा पक्ष सुनेगा. मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल को भेजे गए अपने पत्र में उन्होंने स्पष्ट किया कि नर्सिंग कॉलेज से संबंधित दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया था. 4 घंटे के अल्प समय में यह संभव नहीं था. जबकि कॉलेज की अधिकृत मेल पर यह पत्र नहीं आया.