दमोह।अभी तक हम पढ़ते आ रहे थे कि आजादी का समर 1857 की क्रांति के साथ हुआ था लेकिन यह पूरा सच नहीं है। सच्चाई यह है कि 1842 से ही आजादी का संग्राम शुरू हो गया था और जिसकी नींव दमोह में रखी गई थी. यह बात केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने कहीं. प्रहलाद पटेल दमोह रेलवे स्टेशन में 100 फीट ऊंचे राष्ट्र ध्वज के लोकार्पण अवसर सभा को संबोधित करने आए थे.
मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि 'मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे दमोह क्षेत्र में सेवा करने का अवसर मिला और उससे भी अधिक सौभाग्यशाली आप लोग हैं, जो उस पुण्य धरा में पैदा हुए. जहां से आजादी के संग्राम की शुरूवात हुई' उन्होंने कहा दमोह भारत का वह जिला है, जहां से 1842 में आजादी का संग्राम शुरू हुआ था. अब नए पाठ्यक्रमों में यह शामिल किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि दमोह उन चुनिंदा स्टेशन में शामिल है, जहां पर 100 फीट की उंचाई पर राष्ट्र ध्वज फहराया गया है.
पटेल ने कहा कि यह वर्ष हम महानायको की जयंती के रूप में मना रहे हैं, जिसमें सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती, महर्षि अरविंद की 250, वीं जयंती, गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती इसी वर्ष पड़ रही है. उन्होंने कहा कि हम तिथियों को नहीं बदल सकते. यह महज संयोग नहीं बल्कि नियति है कि ऐसे महापुरुषों की जयंती इसी वर्ष पड़ रही है और आजादी का 75 वां स्वाधीनता दिवस भी है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आएंगे दमोह
मंत्री प्रहलाद पटेल ने मीडिया से बातचीत में जानकारी दी कि महारानी दुर्गावती की कर्म भूमि के रूप में प्रख्यात सिंगौरगढ़ किले के रखरखाव के लिए 26 करोड़ रुपए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्वीकृत किए हैं. उन्होंने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सिंगौरगढ़ आने की सहमति से दी है. यह हम सभी के लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है. उन्होंने आमजन से अपील की कि चाहे वह किसी भी दल या संगठन या समुदाय से जुड़े हो इसे राजनीतिक कार्यक्रम न माने बल्कि यह मान कर चले कि वह उनका अपना कार्यक्रम है. महामहिम राष्ट्रपति आ रहे हैं और सब एक दूसरे को आमंत्रण देकर उनका स्वागत करें.