दमोह। प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने स्थानीय कलेक्ट्रेट परिसर में क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक ली. उन्होंने कोरोना प्रकरणों के संबंध में उपलब्ध दवाओं, ऑक्सीजन आदि के संबंध में जानकारी ली और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए. आपको बता दें कि प्रदेश के नगरीय प्रशासन, कोविड-19 और दमोह के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह उपचुनाव के ठीक 51 दिन बाद दमोह पहुंचे. यहां उन्होंने क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी को देखते हुए राज्य सरकार ने वार्ड और पंचायत स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट की समितियां बनाने के निर्देश दिए हैं. यह समितियां प्रतिदिन शाम को 6 बजे बैठक करेंगी. साथ ही वार्ड और पंचायत स्तर पर कोरोना संक्रमित मरीज, संदिग्ध मरीजों, गंदगी और सेनिटाइजेशन की स्थिति पर नजर रखेंगी. इसके अलावा जनप्रतिनिधियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करें और अपना ज्यादातर समय वार्ड और पंचायतों में दें.
दमोह में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ली क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक, कोविड-19 के केस कम करने पर दिया जोर
दमोह में नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने स्थानीय कलेक्ट्रेट परिसर में क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक ली. उन्होंने कोरोना प्रकरणों के संबंध में उपलब्ध दवाओं, ऑक्सीजन आदि के संबंध में जानकारी ली और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए.
कर्मचारियों की मौत पर मिलेगा पांच लाख मुआवजा
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों, मस्टर कर्मचारियों या कलेक्टर रेट पर रखे गए कर्मचारियों के लिए नई घोषणा की है. जिसके तहत यदि उपरोक्त कर्मचारी की मृत्यु कोरोना संक्रमण से होती है तो उनके परिजनों को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी. इसके अतिरिक्त सामान्य जन की कोरोना से मृत्यु होने पर उनके परिजनों को 1 लाख रुपए की राशि दी जाएगी. इसके अलावा ऐसे बच्चे जिनके माता या पिता का निधन कोरोना से हो गया है, उन्हें 5 हजार की मासिक पेंशन दी जाएगी.साथ ही कहा कि दमोह में अभी ऐसे 5 केस चिन्हित किए गए हैं, इन्हें 30 तारीख से राशि देने का काम शुरू किया जाएगा.
दमोह में लगाए जाएंगे दो ऑक्सीजन प्लांट
मंत्री ने बताया कि दमोह में कोरोना पॉजिटिव केस लगातार कम हो रहे हैं यह दर घटकर 38 पर आ गई है. इसके अलावा उन्होंने स्पष्ट किया कि दमोह में दो ऑक्सीजन प्लांट भी लगाए जाएंगे. एक प्लांट 15 जून तक चालू हो जाएगा और दूसरा प्लांट अगले महीने बनकर तैयार हो जाएगा. जिससे दमोह ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाए. उन्होंने यह भी बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना काल को देखते हुए संविदा पर जितनी आवश्यकता है उतने कर्मचारियों की भर्ती कर ली जाए, ताकि आम जन को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल सके. कर्मचारियों की किसी तरह से कमी नहीं होना चाहिए.
ब्लैक फंगस का 5 कॉलेजों में होगा ट्रीटमेंट
प्रभारी मंत्री ने मीडिया को बताया कि ब्लैक फंगस को प्रदेश सरकार ने महामारी घोषित किया है. इसके लिए प्रदेश में 5 मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के लिए अलग से यूनिट बनाई गई है. वहीं पर ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों का उपचार होगा. दमोह के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज का चयन किया गया है. इसके अलावा ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन का केंद्र सरकार विदेशों से आयात कर रही है और टैबलेट की व्यवस्था भी आवश्यकता अनुसार समय-समय पर की जा रही है
1 जून से होगा अनलॉक
उन्होंने बताया कि 1 जून से प्रदेश धीरे-धीरे अनलॉक किया जाएगा. जिन जिलों में पॉजिटिव केसों की संख्या शून्य तक पहुंच गई है, सबसे पहले उन्हें अनलॉक किया जाएगा, यदि वहां पर केस बढ़ते हैं तो उस जिले के क्षेत्र विशेष को कंटेनमेंट जोन बनाकर कोरोना कर्फ्यू लगाया जाएगा.लेकिन बाकी क्षेत्र खुले रहेंगे. प्रयोग के तौर पर प्रदेश के कुछ जिलों से इसकी शुरुआत की जा रही. हमारा प्रयास है कि दमोह में पॉजिटिव केस की दर शून्य पर ले आएं.
ऑक्सीजन की खपत हुई कम
बैठक में कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य ने जानकारी दी है कि दमोह में पॉजिटिव केसों की संख्या में प्रतिदिन कमी आ रही है. साथ ही ऑक्सीजन की मांग में भी कमी आई है. 15 दिन पहले तक प्रतिदिन करीब साढ़े 450 सिलेंडर ऑक्सीजन की खपत होती थी लेकिन अब यह खपत घटकर 260 पर आ गई है. बैठक में वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष राहुल सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल, पथरिया विधायक रामबाई, दमोह विधायक अजय टंडन, जबेरा विधायक धर्मेंद्र सिंह लोधी, हटा विधायक पीएल तंतुवाय सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से उपस्थित हुए.