दमोह। दिगम्बर जैन तीर्थ स्थल कुंडलपुर में रविवार को उस समय नया इतिहास रच गया, जब 18 युवा ब्रह्मचारियों ने आचार्य श्री से क्षुल्लक दीक्षा लेकर घर का त्याग कर दिया. 176 युवतियों ने भी भगवान आदिनाथ की पुत्री ब्राह्मी और सुन्दरी बनकर आचार्य श्री से अजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लेकर संयम के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. आचार्य श्री ने रविवार को अपने छह शिष्यों को निर्यापक मुनि बनाकर उनके पृथक संघ बनाने की घोषणा भी की. महोत्सव में रविवार को तप कल्याणक के दिन दो लाख से अधिक लोग पहुंचे.
कुंडलपुर पंचकल्याणक महोत्सव आचार्यश्री ने दी दीक्षा कुंडलपुर पंचकल्याणक महोत्सव में सुबह 6 बजे से ही प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया के निर्देशन में धार्मिक अनुष्ठान शुरु हुआ. सुबह अभिषेक, शांतिधारा के साथ नित्य पूजन किया गया. इसके बाद आचार्यश्री की पूजा हुई. आचार्यश्री ने संक्षिप्त प्रवचन में कहा कि महोत्सव में बड़ी संख्या में लोग आये हैं. यहां बड़ी संख्या में देवगण भी बैठे हैं. यह देव अपनी विक्रिया ऋद्धि से ऐसी व्यवस्था करेंगे कि महोत्सव में सभी लोग समां जाएंगे. छह निर्यापक मुनियों की घोषणा आचार्यश्री ने दोपहर की सभा में छह मुनियों श्री समतासागर जी महाराज, श्री प्रशांतसागर जी महाराज, श्री प्रसादसागर जी महाराज, श्री अभयसागर जी महाराज, श्री संभवसागर जी महाराज, श्री वीरसागर जी महाराज को निर्यापक मुनि बनाते हुए इनके पृथक संघ बनाते हुए कहा कि यह सभी मुनि महाराज अपने-अपने संघ का ठीक से संचालन करेंगे. साथ ही आचार्यश्री ने 18 युवा ब्रह्मचारियों को क्षुल्लक दीक्षा दी. 176 बालिकाओं ने लिया ब्रह्मचर्य व्रत महोत्सव में बरसा सोना तप कल्याणक के अवसर पर दिल्ली से आए दो व्यापारियों ने दो किलो सोना भेंट कर आचार्यश्री के पाद प्रच्छालन किए. इन दोनों व्यापारियों ने शनिवार को आचार्य श्री को आहार कराने की खुशी में सवा नौ किलो सोना कुंडलपुर के बड़े बाबा के मंदिर के शिखर के लिए भेंट किया. मंच संचालक अमित पडरिया ने शिखर पर 101 किलो चढ़ाने की बात कही तो पूरे पंडाल में चारों ओर से सोने की वर्षा होने लगी. सैकड़ों महिलाओं ने अपने गहने उतारकर बड़े बाबा के शिखर के लिये समर्पित कर दिए. बताया जाता है कि दो दिनों में लगभग 35 किलो एकत्रित हो चुका है. लाखों की संख्या में जुटे श्रद्धालु कुंडलपुर पंचकल्याणक महोत्सवः दो सगी बहनों सहित चार बेटियां बनीं साध्वी, 15 ब्रह्मचारी बनेंगे मुनि
176 बालिकाओं ने लिया ब्रह्मचर्य व्रत
कुंडलपुर में एक साथ 176 बालिकाओं ने आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज से अजीव ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर मोक्ष मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. यह सभी बहनें उच्च शिक्षा प्राप्त हैं. इनमें से कई बहनों को पास तीन-तीन, चार-चार डिग्रियां भी हैं. आचार्यश्री से व्रत लेने के बाद अब यह बहनें आर्यिका श्री आदर्शमति माता जी के संघ में रहकर प्रतिभा स्थली में शिक्षण कार्य करेंगी. संभवतः यह सैकड़ों वर्षों बाद सुनने में आया है कि एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में बहनों ने ब्रह्मचर्य व्रत लिया हो.