दमोह। प्रदेश और केंद्र सरकार भले ही दलित और आदिवासी बच्चों के उत्थान और शिक्षा के लिए कितने ही कदम उठा ले, लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाता. यही वजह है कि आज दर्जनों छात्राएं अपनी समस्या और सड़े अनाज से पका हुआ भोजन लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गई, जहां उन्होंने अपर कलेक्टर नाथूराम गौंड़ को सड़ा भोजन और वह सड़ा अनाज दिखाया, जिससे भोजन पकाया जा रहा है. इसके साथ ही बच्चियों ने कलेक्टर से मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है.(insects found in hostel meal food) (damoh government school)
ज्यादा सुविधाएं चाहिए तो जाकर घर पर रहो:दमोह के टौरी कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की बच्चियां जो कक्षा छठवीं से 12वीं अध्ययनरत हैं, उन्हें छात्रावास में जो भोजन दिया जाता है जिसमें इल्लियां निकलती हैं. दाल और सब्जी इतनी पतली होती है कि उसे खाया नहीं जा सकता, इतना ही नहीं खराब भोजन की शिकायत करने पर बच्चियों को धमकाया और गंदी गालियां दी जाती हैं. यदि कोई छात्रा भोजन की शिकायत करें तो उसे कहा जाता है कि "ज्यादा सुविधाएं चाहिए तो जाकर अपने घर पर रहो, यहां पर तो यही मिलेगा."