दमोह। जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर यह गांव है शीशपुर पट्टी. नोहटा थाना क्षेत्र के इसी गांव से साल का बारेलाल 2017 में घर से गायब हो गया था. ढाई साल बीत जाने के बाद वह युवक पाकिस्तान में मिला है. पाकिस्तान में इस युवक के होने के बाद भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा पुलिस मुख्यालय भोपाल से जानकारी मांग गई. जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने एसपी से युवक से संबधित जानकारी इकट्ठी कर गृह मंत्रालय को भेजी है.
गांव पहुंची पुलिस ने परिजनों से बारेलाल आदिवासी की फोटो आदि दिखाकर इस बात की पुष्टि की है, कि फोटो में दिख रहा युवक उनका ही बेटा बारेलाल है. जिसके बाद अब उनके परिजन बारेलाल के भारत वापस आने की गुहार भारत सरकार से लगा रहे हैं. ईटीवी भारत ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर बारेलाल आदिवासी के परिजनों से सीधी बातचीत की.
दमोह से गायब हुआ युवक कैसे पहुंचा पाकिस्तान वहीं इस पूरे मामले में एसपी का कहना है कि उन्हें मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है कि, बारेलाल नाम का युवक पाकिस्तान में है. जिसकी जानकारी पीएचक्यू द्वारा उनसे मांगी गई थी. उन्होंने बताया कि यही युवक नोहटा थाना क्षेत्र का एक गुमशुदा व्यक्ति है. जिसकी पूरी जानकारी एकत्रित करके उन्होंने पीएचक्यू भोपाल भेजी है.
मानसिक रुप से दिव्यांग है बारेलाल
दमोह से गायब हुए युवक बारेलाल आदिवासी मानसिक रूप से दिव्यांग है. परिजनों के मुताबिक कई सालों से उसका इलाज जबलपुर मेडिकल कॉलेज में चल रहा था. उसे कई बार इलाज कराने के लिए रस्सियों से बांधकर ले जाना पड़ता था. यदि वह दवाओं का सेवन नहीं करता था तो, उसकी मानसिक हालत खराब हो जाती थी. ऐसे हालात में यह सवाल लाजमी है कि मानसिक रूप से दिव्यांग एक व्यक्ति घर से गायब होने के बाद कैसे पाकिस्तान पहुंच गया.