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तीन अलग-अलग जिलों में अतिथि शिक्षकों ने मांगों को लेकर सौंपा सीएम के नाम ज्ञापन - Guest Teachers Association Committee

तीन जिलों में अतिथि शिक्षकों के संघ ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. यह ज्ञापन अतिथि शिक्षकों ने अपनी कई मांगों को लेकर सौंपा है.

Memorandum submitted to CM
सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

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Published : Sep 6, 2020, 12:37 AM IST

दमोह/शहडोल/आगर।कलेक्ट्रेट ऑफिस में अतिथि शिक्षकों के संघ ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. यह ज्ञापन अतिथि शिक्षकों ने अपनी कई मांगों को लेकर सौंपा है. जिसे उपचुनाव से पहले पहले तक पूर्ण करने की मांग की है. शहडोल जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में काफी संख्या में अतिथि शिक्षक एकत्रित हुए और शिक्षक दिवस के दिन उन्होंने अपनी कई मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है. अतिथि शिक्षकों का साफ कहना है कि इस कोरोना काल में उनकी स्थिति दयनीय हो चुकी है. लॉकडाउन और बेरोजगारी की दोहरी मार झेल रहे हैं. जिसकी वजह से उनका घर चलाना मुश्किल हो गया है.

मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में अतिथि शिक्षकों ने कई मांगें की है जिसमें उन्होंने कई मांगों के साथ नियमित शिक्षक का सम्मान मांगते हुए कई मांगों को उपचुनाव से पहले पूरा करने के लिए कहा है. 12 महीने की सेवा काल एवं पद स्थायित्त्व की मांग की है. इसके अलावा 62 वर्ष की उम्र तक नियमित सेवा काल दी जाने की मांग की है. अप्रशिक्षित अतिथि शिक्षकों को क्वालिटी ऑपरेशन के तहत शिक्षित कराएं, और लॉक डाउन की अवधि का मई 2020 से अब तक का मानदेय का भुगतान कराया जाए. इन सभी मांगों को लेकर शनिवार को अतिथि शिक्षकों ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है और मांग की है कि उपचुनाव से पहले उनकी मांगों को पूरा किया जाएं.

आगर में विरोध प्रदर्शन

आगर में प्रदेश में शिक्षक परीक्षा पास कर चयनित हुए अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया नहीं होने से खासे नाराज है. भर्ती प्रक्रिया आरम्भ नहीं होने से नाराज अभ्यर्थियों ने शनिवार को हाथों व सिर पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की. 2018 में संविदा शिक्षक भर्ती की परीक्षा आयोजित की गई थी इस परीक्षा में जिले के भी सैंकड़ों अभ्यर्थी शामिल हुए थे और दर्जनों कि संख्या में अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा को पास भी कर लिया था. केवल भर्ती की प्रक्रिया बाकी की थी. वहीं इस साल कुछ समय के लिए वेरिफिकेशन की कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुवे इस कार्य को भी रोक दिया गया. अभ्यर्थियों के साथ एनएसयूआई राष्ट्रीय सचिव अंकुश भटनागर ने भी उनका समर्थन किया.

चयनित हुवे अभ्यर्थी ईश्वर सिंह यादव ने बताया कि कड़ी मेहनत कर हमने परीक्षा पास की और सरकार भर्ती नही कर रही है. हम सब बेरोजगार घूम रहे है. हमारी मांग है कि सरकार शिक्षक भर्ती करे नही तो हमे उग्र आंदोलन पर विवश होना पड़ेगा.

पथरिया में तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

दमोह के पथरिया के अशासकीय शिक्षकों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार आलोक जैन को ज्ञापन सौंपा है. इसका उद्देश्य करीब 5 महीने से बंद पड़े अशासकीय स्कूल के कारण उनकी आजीविका सबसे निचले स्तर में है. आलम यह है कि जो अशासकीय विद्यालयों में शिक्षक थे उनकी आजीविका उधारी पर चल रही है और वे दर-दर भटकने को मजबूर हैं. मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जो हमेशा जनता के हित की बात करते हैं. उनका ध्यान इस ओर क्यों नहीं जाता है. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अशासकीय स्कूल नहीं खोले जाने के विरोध में एवं शासन द्वारा निजी स्कूलों के खिलाफ दमनकारी नीति अपनाने एवं अन्य दमन करने को लेकर आज पथरिया तहसील कार्यालय में अशासकीय शिक्षण संस्थान संघ द्वारा पथरिया तहसीलदार आलोक जैन को ज्ञापन सौंपा गया,

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