दमोह। एक शासकीय कर्मचारी द्वारा अपनी 9 माह की गर्भवती पत्नी को घर से बाहर निकाल देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. ये मामला सामने आने के बाद ये महिला भटकते हुए कोविड-19 सेंटर पहुंची. जहां से उसे वन स्टॉप सेंटर में महिला सशक्तिकरण अधिकारी के माध्यम से भर्ती कराया गया है. वहीं महिला के साथ एक डेढ़ साल का बच्चा भी है. गर्भवती महिला को घर से निकाले जाने के इस मामले में जहां महिला अपनी पीड़ा बता रही है. वहीं अधिकारी मामले की जांच करने के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं.
सरकारी कर्मचारी ने गर्भवती पत्नी को घर से निकाला, नौकरी करने के लिए कर रहा था प्रताड़ित
दमोह में एक सरकारी कर्मचारी ने अपनी 9 माह की गर्भवती पत्नी को घर से निकाल दिया. जिसके बाद महिला को वन स्टॉप सेंटर रखा गया है.
ये महिला 9 माह की गर्भवती है और इसके साथ डेढ़ साल का बेटा भी है. इस महिला को देर शाम इसके पति ने घर से बाहर निकाल दिया. महिला ने बताया कि वो गर्भवती होने के चलते नौकरी नहीं कर पा रही है और उसका पति नौकरी करने के लिए दबाव बना रहा है, क्योंकि पति एवं ससुराल वालों को पैसो की लालसा है. शादी के वक्त भी कम पैसा मिलने के कारण पति और ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ना दी जाती रही है. वहीं महिला बीएचएमएस है और 3 माह पहले उसकी नियुक्ति कोविड-19 सेंटर में हुई थी, लेकिन महिला के गर्भवती होने के कारण उसे ड्यूटी ज्वाइन नहीं कराई गई. इसी वजह से महिला के पति ने उसे घर से बाहर निकाल दिया.
महिला भोपाल की रहने वाली है और दमोह में अपने पति के साथ रहती है. वही उसका पति बटियागढ़ में प्रधानमंत्री आवास में ब्लॉक कोऑर्डिनेटर है. महिला के घर से बाहर निकाले जाने के बाद महिला सशक्तिकरण अधिकारी ने वन स्टॉप सेंटर में महिला को रोका का है. इस मामले पर अधिकारियों का कहना है कि महिला से पूरे मामले की जानकारी लेकर मामले को संज्ञान में लेते हुए निराकरण किया जाएगा.