दमोह. दमोह को छोड़कर प्रदेश भर में करोना कर्फ्यू लगाने का एलान कर चुके प्रशासन और सरकार के मुंह पर स्थानीय लोगों ने करार तमाचा जड़ा है. ग्रामीणों ने यहां स्वेच्छा से कोरोना कर्फ्यू भी लगाया और गाइड लाइन का पालन भी किया. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच ग्रामीणों की यह जागरुकता तारीफ के काबिल है. ऐसे में जब प्रशासन और सरकार चुनाव की आड़ लेकर दमोह को कोरोना संक्रमण के पूरे प्रदेश में अकेला छोड़ चुका है तब ग्रामीणों का ये स्वेच्छा से लगाया गया कोरोना कर्फ्यू सरकार को नई सीख देता है कि चुनाव ही सबकुछ नहीं है.
ग्रामीणों ने खुद लगाया कोरोना कर्फ्यू ग्रामीणों ने स्वेच्छा से लगाया कोरोना कर्फ्यूकोरोना से मचे कोहराम के बीच सिर्फ दमोह को छोड़कर समूचे प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लगाने के बाद जहां प्रशासन उपचुनाव में व्यस्त हैं तो वहीं हटा ब्लाक के गांव से उसके लिए एक अहम सीख भी मिली है.दमोह में उपचुनाव को लेकर जिला कलेक्टर ने किसी भी तरह के कोरोना कर्फ्यू का एलान नहीं किया लेकिन जिले के हटा ब्लाक के हिनोताकलां गांव में ग्रामीणों ने जागरूकता दिखाते हुए खुद और दूसरों की रक्षा के लिए दो दिन के कोरोना कर्फ्यू का ना सिर्फ एलान किया बल्कि इसका पालन भी किया.ग्रामीणों ने स्वेच्छा से शनिवार रविवार दो दिनों तक कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए बाजार को बंद कर खुद को घरों में लॉक कर लिया है।
गांव में हैं 23 कोरोना पॉजिटिव
स्थानीय लोगों के मुताबिक पन्ना मार्ग पर स्थित ग्राम पंचायत हिनोताकलां में करीब 25 मरीज कोरोना से संक्रमित है। जो जिला अस्पताल में इलाज करा रहे हैं, लेकिन प्रशासन के आंकड़ो में महज दो ही मरीज बताए जा रहे हैं। हिनोता में कुछ मरीजो की मौत भी हो गई है बावजूद इसके प्रशासन लोगो की जान से खिलवाड़ करने में लगा हुआ है.
गांव में है दहशत का माहौल
सरकार और प्रशासन के लिए चुनाव आवश्यक है लोगो की जान लेकिन स्थानीय लोगों ने उसे बता दिया है कि चुनाव तो तब ही होगा जब लोग जिंदा रहेंगे. इसलिए जान है तो जहान है का संदेश देते हुए ग्रामीणों ने दो दिन तक पूरा गांव बंद रखने का निर्णय लिया है। लेकिन लगातारबढ़ते संक्रमण की वजह से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है बंद का समर्थन करते हुए लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकले। यह कोरोना कर्फ्यू सोमवार तक के लिए लगाया गया है।