दमोह। पितृपक्ष के दौरान जहां पूर्वजों को तर्पण करने के साथ पिंड दान किए जाने की परंपरा है. पितृ मोक्ष अमावस्या के अवसर पर जहां लोगों ने अपने पित्रों को पिंड दान किया. तो इस बार दमोह में पुलवामा के शहीदों का भी पिंडदान किया गया. इस दौरान शहर के कई लोग मौजूद थे.
पितृ मोक्ष अमावस्या पर दमोह में पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों का भी किया गया पिंड दान
पितृ मोक्ष अमावस्या पर दमोह के लोगों ने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों का भी पिंड दान किया. इस दौरान शहर के कई लोग मौजूद थे.
बता दें कि गणेशोत्सव पर्व एवं नवरात्र के मध्य 15 दिन तक चलने वाले पितृपक्ष के दौरान सुबह से पितरों को तर्पण करने और पिंडदान करने की परंपरा सदियों से भारत भूमि पर चलती आ रही है. इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए हर साल इस पक्ष के दौरान हजारों लोग अपने पितरों का तर्पण करते हैं. दमोह में यह परंपरा अनेक वर्षों से कायम है. जिसके चलते इस साल भी दमोह के पुरैना तालाब पर वैदिक मंत्रोचार के साथ पुलवामा के शहीदों का पिंडदान किया गया. इस तर्पण पिंडदान के अवसर पर शहर के अनेक गणमान्य लोग शामिल थे.
दमोह में अपने पूर्वजों के लिए तर्पण करने वाले लोग पितृ मोक्ष अमावस्या पर देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले अमर शहीदों के लिए भी तर्पण कर पिंड दान करते हैं. यह परंपरा दमोह में कई वर्षों से चली आ रही है. जिसका निर्वहन हर साल किया जाता है. साथ ही अमर शहीदों के प्रति अपनी भावनाओं को दमोह के लोग इस तरह के आयोजन से प्रदर्शित करते हैं.