दमोह।राशन दुकान के सेल्समैन विक्रम उर्फ विक्की रोहित आत्महत्या मामले में गृह मंत्री द्वारा सीआईडी जांच के आदेश दिए जाने के विरोध में मृतक के परिजनों एवं दलित समाज के लोगों ने अस्पताल चौराहे पर धरना देकर प्रदेश सरकार, केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ प्रदर्शन किया. दरअसल, यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब मृतक द्वारा छोड़े गए 2 पेज के सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने सांसद प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर, मोंटी रैकवार सहित 5 लोगों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया. इस मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल एफआईआर के पहले ही एसपी को मामले की गंभीरता से जांच करने की आदेश दे चुके थे. लेकिन पुलिस ने 5 लोगों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया.
ऐसे शुरू हुआ विवाद :मामला दर्ज होने के बाद पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के निवास पर धर्मपुरा वार्ड के लोगों ने पहुंचकर एफआईआर से यशपाल ठाकुर का नाम हटाने की मांग की थी. जिसके तुरंत बाद प्रहलाद पटेल ने उसी दिन से पुलिस की किसी भी सेवा लेने का बहिष्कार करते हुए एसपी की आलोचना की थी. प्रहलाद पटेल का यह बयान आने के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सीआईडी जांच के आदेश दिए थे. वहीं, मृतक के परिजन पहले दिन से ही आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. अब गिरफ्तारी न होने के विरोध में उन्होंने धरना दिया.
प्रहलाद पटेल के खिलाफ नारेबाजी :दलित समाज के लोगों ने प्रहलाद पटेल हटाओ दमोह बचाओ के नारे लगाए. इस मौके पर वक्ताओं ने प्रहलाद पटेल पर जातिवाद के भी आरोप लगाए. मृतक के भाई ने भी आरोप लगाया कि केवल गिने-चुने कार्यकर्ताओं को ही तवज्जो क्यों दी जा रही है? जबकि वह बाप दादा के जमाने से भाजपा में हैं. ऐसे में उनके साथ अत्याचार क्यों किया जा रहा है. इस धरना प्रदर्शन में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भाजपा सरकार द्वारा जो जांच के आदेश दिए गए हैं, उसी के विरुद्ध भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी इस धरना प्रदर्शन में शामिल हुए.