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Damoh Jail News: कैदी की मौत पर परिजनों ने शव रखकर किया चक्काजाम, बोले- जेलर ने नहीं होने दिया इलाज

दमोह जेल में बंद सजायाफ्ता कैदी की मौत हो गई. उसे सीने में दर्द होने के बाद जेल प्रशासन ने जिला अस्पताल भेजा था, जहां डॉक्टर ने परीक्षण के बाद उसे मृत घोषित कर दिया है. अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा. वहीं जेल के उप अधीक्षक का कहना है कि कैदी की मौत हार्ट अटैक से हुई है. इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए है.

prisoner death Damoh Jail
दमोह जेल में बंद सजायाफ्ता कैदी की मौत पर प्रदर्शन

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Published : Jun 11, 2023, 6:02 PM IST

दमोह में कैदी की मौत पर परिजनों का हंगामा

दमोह।जेल में बंद एक कैदी की मौत के बाद परिजनों एवं समाज के लोगों ने सड़क पर शव रखकर चक्काजाम किया. परिजनों ने न्याय की मांग करते हुए शिवराज सरकार के विरुद्ध नारे लगाए. 307 की सजा काट रहे एक कैदी की जेल में मौत हो जाने के बाद परिजनों एवं समाज का गुस्सा प्रशासन के विरुद्ध फूट पड़ा. दरअसल देहात थाना अंतर्गत ग्राम मंगोलिया निवासी तोताराम पुत्र दशरथ काछी की कस्टोडियल मौत हो गई थी. जेल प्रशासन ने मौत का कारण दिल का दौरा पड़ना बताया है, लेकिन परिजन इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है. मृतक के साथ 6 अन्य परिजन भी जेल में सजा काट रहे हैं. चूंकि मृतक और उसके अन्य परिजनों को कारावास के साथ 40 हजार रुपए का अर्थदंड भी भरना था, लेकिन अर्थदंड न भर पाने के कारण उन्हें तीन 3 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतान किया जा रहा है. इसी दरमियान तोताराम काछी की मौत हो गई. परिजनों को समझाइश देने पहुंचे तहसीलदार मोहित जैन एवं देहात थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह राजपूत की भी परिजनों ने नहीं सुनी.

सरकार और विधायक के खिलाफ नारेबाजी: करीब 43 डिग्री तापमान के बीच परिजन एवं समाज के लोग सड़क पर बैठे रहे. छोटे-छोटे बच्चे हाथ से हाथ पकड़ कर चक्का जाम करवाते रहे. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने शिवराज सरकार, पुलिस प्रशासन एवं दमोह विधायक अजय टंडन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए. प्रदर्शनकारी समाज के नेता योगेंद्र कुशवाहा ने आरोप लगाया कि यह सामान्य मौत नहीं है, यह हत्या है. जेल प्रशासन के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होना चाहिए.

जेल प्रशासन ने मांगे 10 हजार रुपये: मृतक के बेटे पवन ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उसका कहना है कि उसके पिता 5-6 दिन से बीमार थे, लेकिन जब वह दवा लेकर जाता था तो उसके पिता से उसे मिलने नहीं दिया जा रहा था. न उनका जेल के डॉक्टर या अस्पताल में उपचार कराया जा रहा था. जिसके कारण उनकी मौत हो गई. पीड़ित ने आरोप लगाया कि जेल में पदस्थ संतरी हसन खान एवं परवेज खान 10 हजार रुपए की लगातार मांग कर रहे थे. रुपए न दिए जाने के कारण उनके पिता का इलाज भी नहीं कराया गया. बल्कि मौत की सूचना जेल प्रशासन ने तब दी जब सारी कार्रवाई कर ली गई और शव परीक्षण करा लिया गया. पीड़ित का कहना है कि शासन-प्रशासन आकर उनकी बात सुने. 7 लोग जेल में बंद हैं. पिताजी खत्म हो चुके हैं. छोटे-छोटे बच्चे हैं. उनके भरण-पोषण की समस्या है. इसलिए उनके लिए मुआवजा दिया जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो.

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न्यायिक जांच हो रही है:तहसीलदार मोहित जैन का कहना है कि "कैदी का पोस्टमार्टम हो चुका है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मामले की जांच कर रहे हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी उसके बाद कार्रवाई आगे बढ़ पाएगी. जहां तक इनकी मांग का सवाल है तो मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से बड़ी और क्या जांच हो सकती है? कैदी की कस्टोडियल मौत के बाद परिजनों के जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. विधायक और शिवराज सरकार के खिलाफ की नारेबाजी. सड़क पर शव रखकर धरना दिया."

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