कर्मचारी ने सीआईसीएम पर लगाया धर्मांतरण का आरोप दमोह। बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के दमोह में छापामार कार्रवाई करने एवं बागेश्वर धाम सरकार के द्वारा करीब 300 दलितों की घर वापसी कराने का मामला लोग भूले भी नहीं हैं कि एक बार फिर जबरन धर्मांतरण कराए जाने का आरोप लगा हैय (Conversion case in Damoh). ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित संस्था क्रिश्चियन इंडिया क्रिश्चियन मिशन द्वारा अपने एक कर्मचारी पर धर्मांतरण करने का दबाव बनाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. संस्थान में कार्यरत सुरेंद्र अहिरवार ने अपना एक वीडियो जारी कर पुलिस प्रशासन से मदद मांगी है. उसका आरोप है कि संस्था उसे धर्मांतरण के लिए मजबूर कर रही है.
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धर्मांतरण से इंकार करने पर मांगा त्यागपत्र: युवक ने अपने वीडियो में कहा है कि वह सीआईसीएम में काफी समय से कार्यरत है तथा पूरी ईमानदारी से अपना काम करता है. पिछले कुछ दिनों से उसे धर्मांतरण के लिए परेशान किया जा रहा है. संस्थान में ही कार्यरत देवेंद्र डेनियल नामक कर्मचारी द्वारा उस पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. जब उसने ईसाई धर्म अपनाने से मना कर दिया तो उससे कहा गया कि अपना त्यागपत्र दे और संस्थान को छोड़कर चला जाए. युवक ने कहा है कि वह कीफी ज्यादा परेशान है और उसे पुलिस की मदद की आवश्यकता है.
थाने में आकर दर्ज कराएं रिपोर्ट:इस मामले में पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह का कहना है कि ''किसी व्यक्ति को यदि पुलिस की मदद की आवश्यकता है तो वह थाने में आकर अपनी शिकायत दर्ज कराए''. पुलिस उस पर कार्रवाई करेगी. वहीं दबाव बनाने के आरोपो पर संस्था प्रमुख डॉ. अजय लाल का बयान भी सामने आया है. उन्होने कर्मचारी के आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उसके आरोप निराधार हैं. देवेंद्र डेनियल से निजी विवाद के पास जानबूझकर आरोप लगाया है ताकि संस्था पर धर्मांतरण के नाम पर दबाव बनाया जा सके.
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हिंदुओं की घर वापसी: बता दें कि मध्य प्रदेश में आए दिन ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण करवाने के मामले सामने आते रहते हैं. वहीं राजधानी भोपाल के केकड़िया गांव में जिन लोगों का धर्मांतरण हुआ था उनमें से 2 लोगों की घर वापसी हो गई. यह वह लोग हैं जो कि ईसा मसीह की प्रार्थना करने जाया करते थे. उनमें एक का नाम मंगल का नाश और दूसरे का नाम भीम सिंह भिंडे है. हिंदू टाइगर फोर्स के अध्यक्ष देवेंद्र भिलाला ने बताया कि इन दोनों ने अपनी इच्छा अनुसार हिंदू पूजा पद्धति से अपने सनातन धर्म में वापसी की है. गौरतलब है कि इन दोनों ने ही 5 फरवरी को हीरालाल जामुन के साथ ईसाई धर्म सभा में हिस्सा लिया था। इस मामले में हीरालाल जामोद को आरोपी बनाया गया था.