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दमोह उपचुनाव:आखिरी दौर, आखिरी दांव, फिर गर्माया टिकाऊ और बिकाऊ का मुद्दा - चुनाव प्रचार

दमोह उपचुनाव में दोनों दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. जीत के लिए हर हथकंड़ा आजमाया जा रहा है. बावजूद इसके जिस तरह से चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में कांग्रेस ने बढ़त बनाई है. ऐसे कयास लगाए जाने लगे हैं कि दमोह की सीट बीजेपी के हाथ से फिसल सकती है.

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दमोह उपचुनाव

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Published : Apr 13, 2021, 6:36 PM IST

Updated : Apr 13, 2021, 8:33 PM IST

दमोह। विधानसभा उपचुनाव जीतने के लिए दमोह में भाजपा और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. उपचुनाव में हर तरह का चुनावी पैंतरा आजमाया जा रहा है. रैली और रोड़ शो के बाद ने अब सीधे जनता से मिलकर नेता उसे साधने में लग गए हैं. ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि उपचुनाव में जीत बीजेपी के हाथ से फिसल सकती है क्योंकि प्रचार-प्रसार में कांग्रेस- बीजेपी पर भारी दिख रही है.यहां चुनाव प्रचार के लिए आए सीएम को तख्तियां दिखाईं गई तो कांग्रेस ने टिकाऊ और बिकाऊ का मुद्दा एक बार फिर गर्मा दिया है, जो आखिरी दौर में बीजेपी को खेल बिगाड़ भी सकता है.

दमोह उपचुनाव, किसकी होगी जीत

दमोह पर दोनों दलों का दावा

दमोह उपचुनाव के लिए 17 अप्रैल को वोट डाले जाने हैं. इस सीट से 21 उम्मीदवार मैदान हैं.इससे पहले एक शिवसेना प्रत्याशी रहे राज पाठक भाजपा में शामिल हो चुके हैं। मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में है लेकिन प्रचार प्रसार के मामले में कांग्रेस ने भाजपा को पीछे छोड़ दिया है। उपचुनाव में दोनों दलों ने जीत के लिए हर हथकंड़ा आजमाया है. बावजूद इसके ऐसे कयास लगाए जाने लगे हैं कि दमोह की सीट बीजेपी के हाथ से फिसल सकती है.

सीएम को दिखाई तख्तियां
बीती रात जब मुख्यमंत्री शिवराज तलैया इलाके मेंं एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे तो डीजे, टेंट हाउस एसोसिएशन और दूसरे संगठनों ने शिवराज को तख्तियां दिखा कर अपना विरोध जताया। ऐसे में साफ दिखाई दे रहा है कि प्रचार में पूरी ताकत झोंक चुकी भाजपा जितना ज्यादा लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश कर रही है मतदाता उससे उतना ही दूर होता जा रहा है. चुनाव होने की वजह से दमोह में फिलहाल कोरोना कर्फ्यू नहीं लगाया गया है, लेकिन यहां के लोगों को डर है कि चुनाव खत्म होते ही सरकार दमोह में भी कोरोना कर्फ्यू लगा सकती है. इस वजह से लोगों को अपनी रोजी-रोटी की चिंता सता रही है।

फिर गर्माया बिकाऊ और टिकाऊ का मुद्दा
व्यापारियों के विरोध के बाद कांग्रेस ने इसे हाथों हाथ लिया और रात में शहर भर में कई जगह पोस्टर और पंपलेट चिपक गए। जिसमें लिखा है, बिकाऊ हमें स्वीकार नहीं. इन पोस्टरों पर नारे लिखे हुए हैं 'अंगद का पैर बताकर जनता से की गद्दारी, पद और पैसा लेकर दिखा दी मक्कारी। इस तरह के कई नारों वाले पोस्टर शहर की हर गली चौराहे पर चिपक गए हैं. कांग्रेस के टिकाऊ-बिकाऊ के जवाब में बीजेपी ने यहां राम मंदिर का मुद्दा भी उछाल दिया है. लेकिन कांग्रेस जनता की नब्ज पर हाथ रख कर चुनाव के आखिरी दौर में दमोह में टिकाऊ और बिकाऊ के मुद्दे को हवा दे रही है और यह हवा अगर बह गई तो बीजेपी का खेल बिगड़ सकता है.

बीजेपी ने मैदान में उतारे दिग्गज

दमोह उपचुनाव में सीएम शिवराज खुद आधा दर्जन सभाएं कर चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा 25 दिनों से दमोह में ही डेरा डाले हुए हैं। जातियों के सम्मेलन के जरिए जनता को लुभाने की कोशिशें भी हो चुकी है. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल जनसंपर्क अभियान में जुटे हैं। इसके अलावा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मध्य प्रदेश के प्रभारी केंद्रीय मंत्री मुरलीधर राव भी दमोह आ चुके हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी लगातार 2 दिन दमोह में सभाएं करेंगे. बावजूद इसके बीजेपी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं दिखती है.

घर-घर घूम रहे 'प्रभू'

दमोह की सीट बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है. यही वजह है कि पार्टी के एक दर्जन मंत्री दमोह आ चुके हैं और कुछ तो यहीं डेरा डाले हुए हैं. बावजूद इसके आलम यह है कि स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी अनुसूचित जाति के सम्मेलन में अकेले ही भाषण देते रहे और कुर्सियां खाली पड़ी रहीं. इसके बाद वे अब घर-घर घूम कर जनसंपर्क कर रहे हैं। प्रमुराम मतदाता से एक पर्चा भी भरवाते हैं जिसमें भाजपा को वोट देने की अपील लिखी हुई है. इसके अलावा भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव, भारत सिंह कुशवाहा, रामखिलावन पटेल सहित कई मंत्री और करीब 2 दर्जन से अधिक विधायक डोर टू डोर जनसंपर्क कर रहे हैं।

Last Updated : Apr 13, 2021, 8:33 PM IST

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