दमोह।शहर में फुटेरा तालाब के किनारे एक मंदिर में भगवान विष्णु के वराह अवतार की सदियों पुरानी विशाल प्रतिमा स्थित है, जो शहर के प्राचीन ऐतिहासिक विरासत की गवाही देती हैं. वराह भगवान की यह प्रतिमा भारतीय पुरातत्व विभाग के द्वारा संरक्षित होने के साथ-साथ शहर के लोगों के लिए अस्था का केंद्र भी है.
दमोह में स्थापित भगवान वराह की सदियों पुरानी प्रतिमा बनी भक्तों की आस्था का केंद्र - दमोह समाचार
दमोह जिले में स्थित भगवान वराह की 11वीं और 12वीं शताब्दी में निर्मित विशाल प्रतिमाएं लोगों की आस्था का केंद्र बनी हुई हैं.
इतिहासकारों को भी इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है कि, प्रतिमा कब की है, लेकिन वे बताते हैं कि यह 11वीं या 12वीं शताब्दी की हो सकती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस अवतार में भगवान विष्णु ने पृथ्वी को समुद्र से बाहर निकाला था. तब से भगवान विष्णू की इस रूप में पूजा की जाती है.
यह प्रतिमा प्राचीन होने के साथ दमोह की समृद्ध परंपरा को भी पेश करती है. जिले में इसके अलावा अनेकों मंदिरों और मूर्तियों के अवशेष कई जगह हैं. जिनमें से कुछ तो संरक्षित हैं. वहीं कई स्मारक ऐसे हैं, जिन्हें संरक्षण की आवश्यकता है.