दमोह। रेत व्यवसायियों और खनिज ठेकेदारों के बीच रेत के कारोबार को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. रेत व्यवसायियों ने खनिज ठेकेदारों के विरोध में रैली निकालकर कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. धरना प्रदर्शन के दौरान एमपी वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन अध्यक्ष राहुल सिंह के खिलाफ नारेबाजी की.
तमंचे की नोक पर हो रही वसूली
रेत कारोबारी एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल होने के बाद राहुल सिंह के संरक्षण में टोल नाके पर रेत कारोबारियों को परेशान किया जा रहा है. जबकि उनके वाहन में शासन की गाइडलाइन के अनुसार ही रेत आ रही है. पर्याप्त दस्तावेज और रॉयल्टी होने के बाद भी तीन-तीन हजार रुपए प्रति वाहन के हिसाब से टैक्स लिया जा रहा है. यह काम मूसा कंस्ट्रक्शन के कर्मचारी अवैध तरीके से कर रहे हैं. एसोसिएशन के इंद्रपाल सिंह कहते हैं कि मूसा कंस्ट्रक्शन के लोग तमंचे की नोक पर वसूली कर रहे हैं और इस काम में पुलिस और खनिज विभाग के अधिकारी उनका पूरा साथ दे रहे हैं. इस बात के सबूत उनके पास मौजूद हैं. व्यापारी ने राहुल सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए है.
क्या है मामला
रेत का अवैध कारोबार रोकने और तय मात्रा में निर्धारित मापदंडों के अनुसार रेत परिवहन को लेकर शासन ने नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें 6 चक्का, 10 चक्का, 12 चक्का और अधिक बड़े वाहनों में रेत परिवहन की मात्रा तय कर दी गई है. रेत की मात्रा की जांच के लिए दमोह में 9 स्थानों पर चेक पोस्ट बनाए गए हैं. चेक पोस्ट पर प्रत्येक वाहन की रॉयल्टी और रेत की मात्रा की जांच की जाती है. इसी को लेकर यह सारा विवाद खड़ा हुआ है. गाइडलाइन के पहले डंपरों में 40 से 50 टन तक की रेत लाई जा रही थी. अब कम रेत आने से कारोबारियों की आय और धंधे पर असर पड़ रहा है.
'कोई वसूली नहीं हो रही है'
इस संबंध में खनिज अधिकारी रवि पटेल कहते हैं कि किसी रेत कारोबारी से कोई वसूली नहीं की जा रही है. मूसा कंस्ट्रक्शन ने चेक पोस्ट बनाए हैं उन्हें ठेका मिला है. जांच खनिज विभाग के कर्मचारियों द्वारा की जा रही है, जो आरोप लगाए गए हैं वह गलत हैं. शासन ने जो नियम बनाए हैं, जो निर्देश दिए हैं हम उनका पालन कर रहे हैं. राहुल सिंह को भी मामले में जबरन घसीटा जा रहा है.