दमोह।बुंदेलखंड अंचल की दमोह लोकसभा सीट पर बीएसपी ने मशहूर लोकगीत गायक जित्तू खरे को उम्मीदवार बनाया है. जिससे इस सीट पर अब मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में बीएसपी प्रत्याशी जित्तू खरे ने कहा कि लोगों को ऐसे सांसद की जरूरत है, जो ग्रामीण अंचलों के लोगों के जीवनस्तर को बेहतर बना सकें, जबकि बुंदेलखंड की संस्कृति को भी बढ़ावा दे.
जित्तू खरे का कहना है कि उन्होंने ग्रामीण अंचलों की स्थितियां देखी हैं. वे जानते हैं कि ग्रामीण अंचलों की क्या आवश्यकता है. लेकिन कुछ सियासी दल क्षेत्र में केवल जातिगत राजनीति को आधार बनाकर ही फैसले लेते हैं, जो राजनीति के लिए ठीक नहीं है. बीएसपी प्रत्याशी ने कहा कि वह सभी जातियों को साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति हैं, जिसके आधार पर ही वे जनता से वोट मांगने जाएंगे. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में विकास का केवल ढिंढोरा पीटा जा रहा है, जबकि क्षेत्र में विकास कहीं दिखता ही नहीं है. बुंदेलखंड में लगातार बेरोजगारी और पलायन हो रहा है. जिसे खत्म करने के लिए जनप्रतिनिधियों ने कोई काम नहीं किया है.
दमोह लोकसभा सीट से बीएसपी प्रत्याशी जित्तू खरे से ईटीवी भारत की खास बातचीत। बुंदेलखंड की संस्कृति को दिया जाएगा बढ़ावा
जित्तू खरे ने कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या को खत्म करने की रहेगी. साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी इस क्षेत्र में बहुत काम करने की जरुरत है. जित्तू खरे ने कहा कि अगर जनता उन्हें मौका देती है, तो वह क्षेत्र की सभी आठों विधानसभा क्षेत्रों में बुंदेली मेलों का आयोजन करेंगे. जिसमें बुंदेलखंड के गौरवशाली संस्कृति को दिखाने के साथ-साथ लोगों की समस्यायों को भी दूर करने का काम किया जाएगा.
बता दें कि बीएसपी प्रत्याशी जित्तू खरे बुंदेलखंडी लोकगीतों के मशहूर गायक माने जाते हैं. जित्तू खरे की ग्रामीण अंचलों में अच्छी पकड़ मानी जाती है. यही वजह है कि बसपा महागठबंधन ने उनको अपना प्रत्याशी बनाया है. दमोह में बीएसपी द्वारा मजबूत उम्मीदवार उतारे जाने से यहां त्रिकोणीय मुकाबले के पूरे आसार बनते नजर आ रहे हैं. बीजेपी से दमोह सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल मैदान में है. तो कांग्रेस ने इस सीट पर पूर्व विधायक प्रताप सिंह लोधी पर दांव लगाया है.