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महाराष्ट्र से मुक्त हुए दमोह के बंधुआ मजदूर - महाराष्ट्र से मुक्त बंधुआ मजदूर

महाराष्ट्र में बंधक बनाए गए दमोह के 19 मजदूरों को मुक्त कराया गया है. पुलिस ने ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

bonded laborers
बंधुआ मजदूर

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Published : Feb 11, 2021, 10:44 AM IST

Updated : Feb 11, 2021, 11:19 AM IST

दमोह।महाराष्ट्र में बंधक बनाए गए दमोह के 19 मजदूरों को रिहा कराने में श्रम विभाग ने सफलता प्राप्त की है. ठेकेदार के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया गया है. ठेकेदार मजदूरों से जानवरों की तरह काम करा रहा था. कोल्हापुर जिले के बंदुर गांव का मामला है.

दमोह के करीब 14 मजदूर अपने 5 बच्चों के साथ महाराष्ट्र काम की तलाश में गए थे. वहां पर एक ठेकेदार के यहां काम कर रहे थे. ठेकेदारों ने मजदूरों को बंधक बना लिया था और उनके साथ मारपीट कर जबरन ज्यादा काम कराने लगा. इस बात की जानकारी जब मजदूरों के परिजनों को मिली तो उन्होंने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई. जिस पर कलेक्टर तरुण राठी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक पत्र महाराष्ट्र के कोल्हापुर कलेक्टर को लिखा. श्रम विभाग व कुछ अधिकारियों की एक टीम तुरंत कोल्हापुर के बंदुर गांव रवाना की. टीम ने बच्चों व मजदूरों को सकुशल बंधन से मुक्त कराया और वापस दमोह लेकर आए.

जानवरों से भी बदतर थी जिंदगी

इन मजदूरों में 8 पुरूष व 6 महिलायें सहित 5 बच्चे शामिल हैं. मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार उनके साथ मारपीट करता था. काम का कोई समय तय नहीं था. वह रात में सिर पर टॉर्च बांधकर काम कराता था. न तो घर आने देता था और न ही ठीक तरह से खाना देता था. अगर कोई व्यक्ति बीमार भी पड़ जाए तब भी वह उससे जबरन काम लेता था. कोई मजदूर काम नहीं करता था तो वह उसके साथ मारपीट भी करता था. वह ठेकेदार की प्रताड़ना से इतने डरे सहमें हुए थे कि जब टीम उन्हें बचाने पहुंची तो वह उन्हें भी ठेकेदार समझ कर डर गए.

ठेकेदार पर मामला दर्ज किया

मजदूरों को रिहा कराने गई टीम में लेबर इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र नरवरिया, प्रधान आरक्षक दीपक करोसिया, आरक्षक छोटू चौहान, जनसाहस टीम में डिस्ट्रिक को-कोर्डिनेटर कमल बैरागी, आरओ मुकेश नवीन, एडवोकेट सूरज अहिरवार शामिल थे. नरवरिया ने बताया कि मुख्य आरोपी ठेकेदार बाबा सैयद के खिलाफ 8 धाराओं के तहत एफआईआर कराई गई है. साथ ही मजदूरों को तुरंत सहायता 20 हजार रूपये वहां पर आवेदन करवाया है. जो मजदूरों के खातों में आएगी. साथ ही आवागमन का पैसा वहां की सरकार वहन करेगी.

ऐसे हुआ रेस्क्यू

जनसाहस के लीगल एडवाईजर ने बताया कि टोल फ्री नंबर पर सूचना मिली थी कि बटियागढ़ के ग्राम आलमपुर के कुछ मजदूर बधंक बनाए गए हैं. जिसकी योजना तैयार कर मजदूरों को मुक्त कराया गया. मजदूर भागीरथ अहिरवार ने बताया कि वहां पर 14 से 15 घंटे काम करवाते थे. 45 दिन तक काम किया हमें एक पैसा नहीं दिया गया. कुछ समय पहले नासिक से 2 आदमी आए थे. उन्हीं के साथ वे काम करने उन्हीं की गाड़ी में महाराष्ट्र गए थे. वापस लौटकर आए मजदूरों ने प्रशासन का धन्यवाद किया है. मजदूरों ने कहा कि अगर कार्रवाई नहीं होती तो शायद वे कभी वापस न लौट पाते.

Last Updated : Feb 11, 2021, 11:19 AM IST

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