दमोह। सगरोन गांव में मंदिर की जमीन मुक्त कराने के मामले में विधायक रामबाई ने अपना बयान जारी किया था, जिसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हल-चल मची हुई है. अब भाजपाइयों ने रामबाई पर प्रकरण दर्ज करने की मांग को लेकर एसपी को ज्ञापन सौंपा है.
मंदिर की जमीन मुक्त
अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं में घिरी रहने वाली पथरिया विधायक रामबाई एक बार फिर भाजपा के निशाने पर आ गई हैं. गौरतलब है कि, सगरोन गांव में विधायक रामबाई परिहार ने पथरिया अनुविभागीय अधिकारी को मंदिर की 160 एकड़ जमीन मुक्त कराने के लिए निर्देशित किया था. इस जमान के होलडर बीजेपी नेता और फतेहपुर मंडल अध्यक्ष राजवीर सिंह ठाकुर है. वहीं विधायक ने खुलेआम यह कह दिया था कि मंदिर की जमीन से होने वाली आय का उपयोग मंदिर के रखरखाव और धार्मिक आयोजनों के लिए होना चाहिए, लेकिन जिस व्यक्ति का इस गांव से कोई सरोकार नहीं है, वह महत्तमकार बन कर बैठा हैं.
विधायक ने अपने बयान में यह भी कहा था कि प्रॉपर्टी होलडर और पुरोहितों का कार्य ब्राम्हण का होता है. इसलिए यह महत्तमकारी भी किसी ब्राह्मण के पास होना चाहिए. विधायक के इस बयान को भाजपा कहीं और आगे ले गए. उन्होंने इस मामले में राजनीतिक रंग देते हुए रामबाई पर गंभीर आरोप लगाए है.
रामबाई के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराने की मांग रामबाई से जान का खतरा
पूर्व विधायक लखन पटेल और भाजपा जिला अध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी की अगुवाई में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधीक्षक को रामबाई के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में राजवीर सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि रामबाई उनकी अनुपस्थिति में उनके घर गई. उनके पिता के साथ अभद्र व्यवहार कर गांव से बाहर निकालने की धमकी दी. इसके अतिरिक्त उन्हें भी फोन पर जान से मारने की धमकी दी.
बीजेपी का कहना है कि सरकार होते हुए अगर मंडल अध्यक्ष को इस तरह से धमकी दी जाएगी, तो आम आदमी का क्या हाल होगा ? उन्होंने आरोप लगाया कि रामभाई की गुंडागर्दी बहुत बढ़ गई है, जबकि मंडल अध्यक्ष राजवीर सिंह का कहना है कि वह उनकी पैतृक जमीन है. उन्होंने मंदिर की जमीन पर कब्जा नहीं किया है, बल्कि वह किसी के इशारे पर उन्हें परेशान कर रही हैं.