दमोह। जिले के पथरिया तहसील में सामुदायिक भवन का निर्माण तीन साल पहले होना था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ, इस भवन के निर्माण के लिए प्रशासन ने 50 लाख रुपए की राशि भी स्वीकृत की थी, जिला पंचायत की रेट पर इस भवन का निर्माण शुरू हुआ, लेकिन 50 लाख की राशि पूरी खर्च होने के बावजूद भी इसका काम पूरा नहीं हो सका, और आखिर में काम बंद करना पड़ा. जिसकी शिकायत अधिकारियों से किए जाने के बाद मामले ने तूल पकड़ा और निर्माण के लिए और राशि फिर से स्वीकृत कराने का प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन अभी तक राशि स्वीकृत नहीं हो पाई है, जिसके चलते भवन अधूरा पड़ा है.
दमोह: 50 लाख की राशि स्वीकृत होने के बावजूद सामुदायिक भवन का काम अधूरा, अतिरिक्त राशि की हो रही मांग
तहसील कार्यालय के पास जिला पंचायत ने 50 लाख की लागत से सामुदायिक भवन बनना था, लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी सामुदायिक भवन का काम अधूरा पड़ा है, और इसके निर्माण के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक जिला पंचायत के अधिकारी और कुछ स्थानीय नेताओं की मिलीभगत के चलते समुदायिक भवन के नाम पर 50 लाख की राशि स्वीकृत की, और टेंडर भी हुए, लेकिन ठेकेदारों ने काम क्यों नहीं किया, यह लोगों की समझ से परे है, वहीं इस मामले में नगर के जागरुक लोगों का कहना है कि सामुदायिक भवन के निर्माण में अनदेखी की गई है, भवन बनने के पहले ही कई जगह से प्लास्टर उखड़ने लगे हैं.
लोगों ने बताया कि भवन निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है, साथ ही गुणवत्ता की अनदेखी की गई है इसके अलावा 3 साल से काम बंद पड़ा हुआ है. नगर के लोगों का कहना है कि पूरे मामले की जांच होनी चाहिए, कि 50 लाख की राशि खर्च होने के बावजूद भी काम अधूरा क्यों पड़ा है. इस संबंध में आरईएस विभाग के अधिकारी ई ई के एस मिर्धा ने बताया कि निर्माण कार्य के लिए अलग से राशि दी जा रही है जैसे ही राशि आती है निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.