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विधायक निधि से अपनों का 'पोषण' तो गरीबों-जरूरतमंदों का क्या ?

हटा विधायक पीएल तंतुवाय ने विधायक निधि का उपयोग अपने परिवार, पीए, रिश्तेदार और पार्टी के पदाधिकारियों पर किस तरह से किया है, इसका हैरतअंगेज खुलासा हुआ है. क्षेत्र में असहाय इलाज, शिक्षा और कई बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं लेकिन विधायक निधि से एक भी रुपया जरुरतमंदों के लिए नहीं निकल रहा है.

Hata MLA PL Tantuvay
विधायक पीएल तंतुवाय

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Published : Feb 4, 2021, 4:10 PM IST

दमोह।हटा विधानसभा क्षेत्र में विधायक निधि का उपयोग निजी स्वार्थ के लिए किया जा रहा है. यहां जरूरतमंदों के इलाज और शिक्षा के लिए नहीं बल्कि विधायक अपने करीबियों और पार्टी के पदाधिकारियों को लाभ पहुंचाने के लिए निधि का उपयोग कर रहे हैं. हद तो तब हो गई जब 65 साल के वृद्ध को शिक्षा ने नाम पर राशि निकालकर बांट दी गई. इस घोटाले का खुलासा सूचना के अधिकार (RTI) के तहत हुआ है. जिसके बारे में जानकारी जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय से जारी की गई है.

असहायों तक कैसे पहुंचे मदद

करोड़पतियों को दी गई विधायक निधि से राशि

जैसे हीजिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय सूची जारी की गई, कई हैरतअंगेज खुलासे हुए. सुरक्षित सीट हटा विधायक पीएल तंतुवाय ने विधायक निधि से स्थानीय गरीब परिवारों की मदद करने के बजाय अपने चचरे भाई, भतीजे, भांजे और रिश्तेदारों को इलाज और शिक्षा के नाम पर हजारों रुपए के चेक बांट दिए हैं. यह सिलसिला यहीं तक नहीं थमा. हद तो तब हो गई जब विधायक ने हटा नगर मंडल अध्यक्ष मनीष पलया और उनके भाई रजनीश पलया के साथ-साथ अपने पीए सुरेश पटेल के रिश्तेदारों को भी विधायक निधि से हजारों रुपए के चेक काटकर दे दिए. इस लिस्ट में विधायक का ड्राइवर भी शामिल है.

बीजेपी नगर मंडल अध्यक्ष-पूर्व अध्यक्ष भी शामिल

इस लिस्ट में बीजेपी नगर मंडल अध्यक्ष मनीष पलया भी शामिल हैं, जिन्हें पांच हजार रुपए क चेक दिया गया है. जबकि पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष बलराम साहू को 4 हजार रुपए शिक्षा के नाम पर दिए गए हैं. इसके अलावा उनके सेल्समैन बेटे धर्मेंद्र साहू को भी इलाज के नाम पर 4 हजार रुपए दिए गए हैं. इस लिस्ट ने निधि के दुरूपयोग की पोल खोल कर रख दी है.

विधायक पीएल तंतुवाय

नहीं सुनाई दी रही असहायों की गुहार

हटा विधानसभा क्षेत्र में कई परिवारों के हाल बीमारी ने बदहाली में तब्दील कर दिए है. कई लोग गंभीर बीमारी की चपेट में हैं. कई ऐसे परिवा हैं, जिनके मुखिया अपने बच्चों की परवरिश तो छोड़िए इलाज के लिए भी पाई-पाई के लिए मोहताज हैं. ज्यादातर परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करते हैं, लेकिन हटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक और सरकार की ओर से अब तक इन्हें कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है. जबकि कई बार ग्रामीण प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर विधायक से गुहार लगा चुके हैं.

सरकारी दावों की खुली पोल

विधायक पीएल तंतुवाय के घर के बाजू में रहने वाले कमलेश साहू अस्थमा की बीमारी से ग्रसित हैं. उन्हें खून की भी कमी है. करीब एक साल से वे बीमार हैं. वहीं इसराइल खान को मुंख कैंसर है. ये भी विधायक के घर के बाजू से रहते हैं. जब इनके स्वजनों ने अपनी पीड़ा बयां की तो स्वास्थ्य विभाग से लेकर सरकार में बैठे विधायक के बड़े-बड़े मंचों से होने वाले सरकारी दावों की पोल खुल गई.

इसी तरह गंगाराम रजक पिछले 4 सालों से लकवा से ग्रसित हैं. साथ ही स्टोन की बीमारी भी है. उनकी पत्नी कुसुम बाई ने बताया कि मेरे पति बोल नहीं पाते हैं. मेरे दो बेटे हैं, जो बाहर मजदूरी करते हैं. बड़ी मुश्किल से घर चलता है. इकरार खान की मां साबरा बी ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए बताया कि मेरे बेटे का दो साल पहले एक्सीडेंट हो गया था, जितना पैसा था सब इलाज में लगा दिया. पैसा खत्म हो गया तो अपने बेटे को अस्पताल से घर ले आई. उसका पैर टूटा हुआ है. डॉक्टर ने ऑपरेशन करने की बात कही है, लेकिन अब पैसे नहीं हैं. विधायक से भी गुहार लगाई लेकिन कोई मदद नहीं मिली.

क्षेत्र में और भी कई ऐसे जरूरतमंद हैं, जिन्हें विधायक निधि से मिलने वाली राशि के जरिए काफी हद तक मदद पहुंचाई जा सकती है, लेकिन विधायक आंखों में पट्टी बांधे सब कुछ दरकिनार कर अपने स्वार्थ और अपने करीबियों को लाभ पहुंचाने में जुटे हुए हैं.

रोड के लिए ग्रामीण लगा चुके हैं गुहार

हटा विधानसभा क्षेत्र में पक्की सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को मजबूरी में कीचड़ भरे रास्ते से आना जान पड़ता है. इस मामले में ग्रामीणों ने बीजेपी विधायक पीएल तंतुवाय को ज्ञापन सौंपकर सड़क बनवाने की मांग भी की थी.

पढ़ेंःकीचड़ भरे रास्ते से गुजरने को मजबूर हैं ग्रामीण, बीजेपी विधायक से लगाई गुहार

हटा ब्लॉक में कई गांव ऐसे हैं, जहां पक्की सड़कें नहीं बनाई गई हैं. इस वजह से ग्रामीणों को हर साल बारिश में कीचड़ से सनी हुई सड़कों से आना- जाना करना पड़ता है. हटा विधानसभा क्षेत्र खमरिया से भटदेवा तक करीब 3 किमी की कच्ची सड़क होने की वजह से बारिश में आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाता है. सड़क नहीं होने की वजह से कई बार बीमार और असहाय मरीज गांव में ही दम भी तोड़ देते हैं.

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