दमोह।जिला अस्पताल में एक महिला की मौत के बाद अब अस्पताल प्रबंधन पर महिला के गहने न लौटाए जाने के आरोप लग रहे हैं. पूरे मामले को करीब डेढ़ महीने हो गए हैं, लेकिन अब तक वह सुलझा नहीं है. लिहाजा पीड़ित परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से मदद की गुहार लगाई है. एसपी के आदेश के बाद मामले की जांच और तेज कर दी गई है. मामले में पीड़ित परिजनों का कहना है कि अस्पताल से ही उनके पास गहने ले जाने के लिए फोन आया था, लेकिन जब वह गहने लेने गए तो उन्हें गहने नहीं मिले.
क्या है पूरा मामला ?
दमोह जिले के ग्राम आम चोपरा निवासी जय सिंह गौंड की पत्नी आशारानी को 23 अप्रैल को कोरोना होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसी दिन देर रात महिला की मौत हो गईथी. मृतका के पति का आरोप है कि उसकी पत्नी गले में सोने की 20 मोतियों की माला, कानों में सोने के टॉप्स, नाक में सोने की नथ, चांदी की चूड़ियां और बिछिया सहित करीब 50 हजार का जेवर पहनकर अस्पताल गई थी. इस दौरान अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत हो गई. मृतका का कोरोना गाइडलाइन के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया था. हालांकि बाद में अस्पताल प्रबंधन की तरफ से गहने ले जाने के लिए परिजन को फोन किया गया था. लेकिन जब वह अस्पताल पहुंचे तो उन्हें गहने नहीं दिए गए.
मामले में क्यों फंसा है पेंच
दरअसल, सारा विवाद असली और नकली गहनों को लेकर है. अस्पताल प्रबंधन ने अपने पंचनामा में गहनों को गिलट का बताया है. जबकि परिजनों का कहना है कि गहने सोने और चांदी के थे. इसी बात को लेकर मामला अटका हुआ है. मृतका की बेटी संगीता का कहना है कि उसकी मां 23 अप्रैल को असली जेवर पहनकर गई थी. जिसकी कीमत करीब 50 से 60 हजार रुपए है, लेकिन अब अस्पताल वाले गहने नहीं दे रहे हैं. इसी बात को लेकर पुलिस ने शिकायत दर्ज कराई है.