दमोह। जिले के प्रसिद्ध जागेश्वरनाथ धाम में सैकड़ों सालों से शिवलिंग के रूप में भगवान भोलेनाथ भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. वहीं हर पर्व पर यहां लाखों की संख्या में भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं. हर साल की तरह इस साल भी वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर भगवान भोलेनाथ का बूढ़े बाबा के रूप में श्रृंगार किया गया.
बूढ़े बाबा के रूप में हुआ भगवान जागेश्वरनाथ का श्रृंगार, 13वें ज्योतिर्लिंग के रूप में है मान्यता
दमोह जिले के बांदकपुर में प्रसिद्ध जागेश्वरनाथ धाम में पूर्णिमा के अवसर पर भगवान भोलेनाथ का बूढ़े बाबा के रूप में श्रृंगार किया गया.
बता दें कि बांदकपुर में ये स्वयंभू शिवलिंग को 13वें ज्योतिर्लिंग की मान्यता प्राप्त है, कहा जाता है कि 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा करने के बाद यहां की यात्रा करना बुंदेलखंड के लोगों के लिए ज्योतिर्लिंग यात्रा की पूर्णाहुति मानी जाती हैं. वहीं तीज त्योहारों पर भगवान भोलेनाथ के विशेष श्रृंगार के दर्शन भक्तों को मिलते हैं. लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के कारण केवल मंदिर के पुजारी ही भगवान का पूजन अर्चन कर रहे हैं.
भगवान जागेश्वर नाथ का ये धाम बुंदेलखंड ही नहीं पूरे देश में भक्तों की आस्था का केंद्र है. हालांकि ज्यादा चर्चाओं में ना रहने के कारण यहां पर भक्तों का बड़ी तादाद में आना नहीं होता. लेकिन तीज त्योहारों पर लाखों की संख्या में बुंदेलखंड-महाकौशल इलाके के लाखों भक्त यहां आते हैं. वहीं विशेष अवसरों पर भगवान का विशेष श्रृंगार यहां की विशेषता को दिखात है.