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दमोह के दंगल में किसका मंगल? किसका सितारा बुलंद करेंगे वोटर्स

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Published : Apr 17, 2021, 6:27 AM IST

Updated : Apr 17, 2021, 1:16 PM IST

दमोह विधानसभा उपचुनाव के मतदान के लिए अंतिम दौर की जोर आजमाइश शुरू हो गई है. विकास बनाम बिकाऊ और टिकाऊ के साथ ही अब जनता बनाम गुंडागर्दी और बेईमानी का मुद्दा भी एकाएक जोर पकड़ गया है. हालांकि यह मुद्दा कुछ घंटे पहले ही सामने आया है. इस मुद्दे की आने के बाद चुनावी तस्वीर बहुत तेजी से बदल रही है.

Damoh's riot
दमोह का दंगल

दमोह। महीने भर से जारी चुनावी शोर-शराबा अब पूरी तरह थम चुका है. जहां एक और भाजपा विकास के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ रही है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने टिकाऊ और बिकाऊ का मुद्दा हमेशा प्रमुखता से उठाया है. इन दो मुद्दों के बाद अब एक तीसरा मुद्दा एकाएक सबसे ऊपर हो गया है और वह मुद्दा है गुंडागर्दी और बेईमानी बनाम जनता. सुनने में कुछ अटपटा जरूर लगता है, लेकिन यह मुद्दा कुछ घंटे पहले ही एकाएक शहर भर में आग की तरह फैल गया.

  • हर जबान पर आया गुंडागर्दी और बेईमानी बनाम जनता का मुद्दा

दरअसल श्याम नगर में सरकारी कार में नोट रखे होने और कांग्रेस के विरोध के बाद जिस तरह पुलिस और प्रशासन की तानाशाही सामने आई है, उसे सारा शहर देख चुका है. यह घटनाक्रम आने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से घटनाक्रम के वीडियो वायरल हो रहे हैं. हर गली चौराहे पर केवल इसी घटनाक्रम की चर्चा है. इस कारण यह मुद्दा अब प्रमुख मुद्दा बन गया है. भारतीय शक्ति चेतना पार्टी नशा मुक्त समाज, शराबबंदी के मुद्दे को उठा रही है. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी वैभव सिंह प्रेस और वकील प्रोटेक्शन एक्ट, महिला सुरक्षा और सेनेटरी पैड, रोजगार का अधिकार, किसान का अधिकार, जल अधिकार सहित कुछ मुद्दों को लेकर चुनाव की तस्वीर बदलने का प्रयास कर रहे है. इसके अलावा सपाक्स जातिगत आरक्षण और नारी सुरक्षा के मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहा है.

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  • 2 लाख से अधिक मतदाता लिखेंगे प्रत्याशी का भाग्य

आज होने वाली मतदान के लिए निर्वाचन आयोग की व्यवस्थाएं पूरी हो चुकी है. मतदान दलों को सामग्री लेकर रवाना कर दिया गया है. दमोह विधानसभा में मतदाताओं की संख्या 2 लाख 39 हजार 808 है. जिनमें 1 लाख 24 हजार 345 पुरुष और 1 लाख 15 हजार 455 महिलाएं शामिल है. इनमें 8 थर्ड जेंडर मतदाता भी है. कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत 70 सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इस प्रकार 359 मतदान केंद्र हैं, जो कि 202 लोकेशन पर स्थित है. मतदान केंद्रों में सैनिटाइजर इत्यादि की व्यवस्था भी की गई है. 6 फीट की दूरी पर 15 से 20 गोले बनाकर मतदान की व्यवस्था की गई है.

  • कैमरों में कैद होगा मतदान

निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक 123 मतदान केंद्र संवेदनशील बनाए गए हैं. जिसमें से शहरी क्षेत्र में 56 और ग्रामीण क्षेत्र में 67 मतदान केंद्र है. एक केंद्र में 6 लोगों की ड्यूटी लगाई गई है. 220 मतदान केंद्रों की मतदान प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड की जाएगी.

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  • संवेदनशील केंद्र सीएपीएफ के हवाले

मतदान केंद्रों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए एसएएफ (विशेष सशस्त्र बल) की पांच कंपनियां और सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) की तीन कंपनियां तैनात की गई है. इसमें एक कंपनी महिला विंग की है. इसके अलावा जिला पुलिस बल होमगार्ड और फॉरेस्ट पुलिस को मिलाकर करीब 1,200 कर्मचारी 10 मतदान केंद्रों पर तैनात रहेंगे. जो संवेदनशील केंद्र बनाए गए हैं, उनमें 35 केंद्र भाजपा और 37 केंद्र कांग्रेस की मांग पर बनाए गए हैं. इन्हीं केंद्रों में सीएपीएफ की कंपनियां तैनात की जाएंगी. इसके अलावा करीब 200 कर्मचारियों को रिजर्व रखा गया है.

Last Updated : Apr 17, 2021, 1:16 PM IST

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