मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

बंजर जमीन पर महिलाओं ने उगा दी फसल, गौशाला चलाकर बन रही आत्मनिर्भर

जिले की कुछ महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कई काम कर रही हैं. महिलाएं गौशाला चलाने के साथ ही बंजर जमीन पर फसल भी उगा रही हैं.

Women
महिलाएं

By

Published : Mar 8, 2021, 12:07 AM IST

छिंदवाड़ा। हौसले बुलंद हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता, कुछ ऐसा ही कर दिखाया है छिंदवाड़ा के पटनिया गांव की रहने वाली महिलाओं ने, 20 रुपए दिन की बचत कर स्व सहायता समूह शुरू करने वाली महिलाएं आज गौशाला का संचालन कर आत्मनिर्भर बन रही हैं.

बंजर जमीन पर महिलाओं ने उगा दी फसल
  • 12 महिलाओं के जिम्मे हैं गौशाला

अमरवाड़ा विकास खंड के पटनिया गांव में दुर्गा स्व सहायता समूह सरकार की मदद से गौशाला का संचालन करता है. इस स्व सहायता समूह में 12 महिलाएं हैं, जो सुबह से गायों की देखरेख के साथ ही गायों के गोबर से कंडे बनाकर उसे बाजार में बेच रही हैं और बचे समय में दूसरे काम कर परिवार की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही है.

  • 100 रुपए की बचत के साथ शुरू किया गया था समूह

स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि 2016 में उन्होंने बचत की नियत से समूह शुरू किया और 100 रुपए महीने बचाती थी और फिर उसी पैसे से एक दूसरे को ब्याज में देकर कुछ फायदा हो जाता था, बाद में सरकारी योजना के तहत जोड़े और 20 रुपए हफ्ते बचत शुरू हुई. वहीं कुछ काम करना शुरू किया, इसके बाद गौशाला का संचालन के लिए उनका चयन किया गया.

महिला दिवस: छात्राओं का किया सम्मान, पूर्व मंत्री रही मौजूद

  • कंडों की श्मशान में होती है सप्लाई

गौशाला से निकलने वाले गोबर से महिलाएं कंडे बनाकर छिंदवाड़ा के शवदाह गृह में बेचते हैं. महिलाओं ने बताया कि एक कंडे की कीमत 1 से 2 रुपए तक होती है. एक तरफ जहां कंडे बेचकर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं, तो वहीं श्मशान घाट में कंडों की सप्लाई होने से लकड़ी की खपत भी कम हो रही है. जिससे पर्यावरण की सुरक्षा हो रही है.

  • बंजर जमीन पर कर रही खेती

महिलाएं सिर्फ गौशाला का ही संचालन नहीं करती, बल्कि गौशाला के पास से लगी बंजर सरकारी जमीन पर फसल भी उगा रही हैं. जिसके चलते वे गेहूं के अलावा गायों को खिलाने के लिए हरी घास का भी उत्पादन कर रही हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details