छिंदवाड़ा। इस बार लोकसभा चुनाव में जिले के 15 लाख से ज्यादा मतदाता वोट करेंगे, जिनमें से आधी संख्या महिला मतदाताओं की है. लेकिन छिंदवाड़ा के इतिहास को देखें, तो यहां महिला उम्मीदवार को सिर्फ एक बार मौका मिला है. 1996 में कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ यहां से सांसद चुनी गई थीं, लेकिन महज 1 साल में ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
दरअसल 1980 से छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस को लगातार जीत का सेहरा पहना रहे कमलनाथ का नाम हवाला कांड में आ गया था. इसी के चलते 1996 के चुनाव में पार्टी ने कमलनाथ की जगह उनकी पत्नी अलका नाथ को अपना उम्मीदवार बनाया था. इस चुनाव में अलका नाथ का मुकाबला बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह से हुआ था, जिसमें अलका ने चंद्रभान सिंह को 21,382 वोटों से हरा दिया था. लेकिन महज एक साल में ही उनसे इस्तीफा दिलवाकर कमलनाथ ने 1997 में फिर से चुनाव लड़ा. हालांकि इस चुनाव में उन्हें मुंह की खानी पड़ी. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को शिकस्त दी.
अब तक 3 महिलाएं उतरी हैं चुनाव मैदान में