देवकीनंदन ठाकुर बोले रिश्तों को खत्म कर रहीं वेब सीरीज छिंदवाड़ा।कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर का कहना है कि भारत की संस्कृति व रिश्तों पर आजकल वेब सीरिज बड़ा खतरा बनकर मंडरा रही हैं. बड़े पर्दे पर अभी भी मर्यादाएं बची हुई हैं. लेकिन मोबाइल पर चल रही वेब सीरिज बनाने वाले बेलगाम हैं. अभी सभी लोग नहीं चेते तो सारे रिश्ते खत्म हो जाएंगे. देखो वेब सीरिज में सगे भाई-बहन के बीच क्या दिखाया जाता है. परिवार के बीच क्या दिखाया जाता है. इसके विरोध में आवाज मुखर करना आज की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि ऐसी वेब सीरिज समाज में बहुत गलत प्रभाव डाल रही हैं.
हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग उठाई :कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सनातन एक धर्म है. बाकी सब पंथ हैं. भारत को जल्द से जल्द हिंदू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए. अगर 8 से 10 सालों के भीतर भारत हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं होता है तो उसके बाद हिंदुओं का क्या हाल होगा. यह समझने लायक भी नहीं बचोगे. ठाकुर ने कहा है कि हिंदू धर्म में सर्वे भवंतु सुखिनः का मंत्र चलता है. अगर देश को सुरक्षित रखना है तो हिंदू राष्ट्र बनाना जरूरी है. क्योंकि इससे सभी पंथों का भला होगा. प्रेस वार्ता के माध्यम से देवकीनंदन ठाकुर ने कहा है कि साल 2024 के चुनाव में राजनीतिक फायदा लेने के लिए कुछ विधर्मी सनातन धर्म को नीचा दिखाते हुए आलोचना कर रहे हैं. ऐसे ही कुछ लोग हैं जिन्होंने रामचरितमानस जैसे हमारे पवित्र ग्रंथ को जलाया है. इसके विरोध में अब पूरे देश में सनातन यात्रा निकाल रहे हैं और उनकी सनातन यात्रा 2024 तक चलेगी.
मंदिरों पर सरकार का कब्जा क्यों :उन्होंने कहा कि सिर्फ मंदिर ही सरकार के कब्जे में क्यों. मस्जिद और चर्च को भी शामिल किया जाए. देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि मंदिरों में दान और धर्म हिंदू करता है लेकिन मंदिरों का कंट्रोल सरकार के हाथ में है. जब मंदिरों का कंट्रोल सरकार के हाथ में है तो फिर मस्जिद और चर्च को भी सरकार को अपने कब्जे में लेना चाहिए. आखिर हिंदू धर्म को ही दबाने का काम क्यों किया जा रहा है. सरकार को मंदिर से आने वाली आय से गुरुकुल चलाने चाहिए और वहां पर कोई शिक्षक की नियुक्ति नहीं, बल्कि धर्माचार्य को नियुक्त किया जाना चाहिए.
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इतिहास के साथ भी हुई छेड़छाड़ :देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि भारत में जो इतिहास बच्चों को पढ़ाया जाता है, वह भी अधूरा है. मुगल शासकों से लेकर अंग्रेजों का इतिहास तो हमें पढ़ाया जाता है और अकबर को ग्रेट बताया जाता है, जबकि उसके पहले राजा राम, राजा कृष्ण ने हमारे यहां राज किया. कृष्ण ने अहिंसा का रास्ता अपनाते हुए बिना तिनका उठाए पूरी महाभारत में कौरव को हरवा दिया था लेकिन वह इतिहास में शामिल नहीं किया गया. कहीं ना कहीं हमारे यहां इतिहास भी अधूरा पढ़ाया जाता है. उन्होंने कहा कि जब तक किसी भी राजनेता को धर्म का पूरा ज्ञान ना हो, उन्हें बयानबाजी नहीं करना चाहिए. क्योंकि हर राजनेता को अपना राज्य चलाने के लिए धर्म गुरु का सहारा लेना पड़ता है. राजा राम ने भी अपने गुरु के आदेश से संचालन किया था तो कृष्ण भी अपने गुरु के आदेश पर ही चलते थे.