छिंदवाड़ा। मोहखेड़ा के ग्रामीणों ने बीते माह खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत हुए बीपीएल सर्वे में तत्कालीन सचिव राधेश्याम पवार और पटवारी फागूलाल माटे पर पात्र परिवारों को अपात्र घोषित किए जाने और पटवारी माटे द्वारा लेनदेन के साथ ही नेताओं के इशारे पर अपात्र लोगों को पात्र घोषित किए जाने का आरोप लगाया है. मोहखेड़ ग्राम पंचायत सरपंच की अगुवाई में सैंकड़ों गुस्साए ग्रामीणों ने तत्कालीन सचिव पर उचित कार्रवाई और पटवारी को हटाने की मांग को लेकर मोहखेड़ तहसील कार्यालय के सामने एक दिवसीय विशाल धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल की.
भूख के लिए भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण पांच घंटे तक चली हड़ताल, पटवारी को हटाने की मांग
तहसील कार्यालय के सामने मोहखेड़ सरपंच श्यामू साहू की अगुवाई में सैंकड़ों ग्रामीणों ने करीब 5 घंटे तक हड़ताल की और पटवारी को हटाने के लिए नारेबाजी करते रहे सरपंच श्यामू साहू ने बताया कि अधिकारियों ने मिली भगत करके गरीबी रेखा से पात्र लोगों के नाम हटा दिए और अपात्रों के नाम जोड़ दिए जिस पर तहसीलदार भी बिलकुल ध्यान नहीं दे रही हैं उन्होंने फिर से सर्वे कराकर पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़ने की माँग की ।
ग्रामीणों का आरोप 4 माह से नहीं मिला राशन
हड़ताल में बैठे ग्रामीणों का आरोप है कि पहले उनको राशन मिलता था लेकिन सर्वे में उनका नाम हटा दिया गया है और जो लोग अमीर हैं उनका नाम जोड़ा गया है,उन्हें चार महीने से राशन नहीं मिला है जिसके चलते उनके सामने खाने का संकट पैदा हो गया है और अधिकारी उनकी बात सुन नहीं रहे हैं।
जनपद सीईओ और तहसीलदार ने दिया आश्वासन
पांच घंटे तक चली हड़ताल को लेकर जब जिम्मेदार अधिकारी न पहुंचने से परेशान ग्रामीणो को देख मीडियाकर्मियों ने सबंधित मामले को लेकर मोहखेड तहसील कार्यालय में उक्त तहसीलदार से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि हमें इतने ग्रामीणो की एकत्रित की सूचना नही मिली उच्च अधिकारियों जैसे दिशानिर्देश होंगे उसके बाद ही ग्रामीणो के पास पहुचेंगी. परेशान जनता को देख मीडियाकर्मियों ने उक्त मामले को लेकर तीन बजे कलेक्टर सौरभ सुमन और सौंसर एसडीएम कुमार सत्यम से फोन पर चर्चा की गई. जिसके बाद मोहखेड तहसीलदार मीना दशरिया,नायब तहसीलदार साधना सिंह, सीईओ अरविंद बोरकर, खाध अधिकारी रवि कुमरे,आरआई लोकचंद्र पटले पहुंचे. उपस्थिति अधिकारियों ने एक सप्ताह के अंदर दोबारा सभी लोगों का सर्वे किए जाने एवं पात्र लोगों के नाम जोड़ने के साथ ही दोषी पाये जाने पर सबंधित सचिव और पटवारी पर कार्रवाई किए जाने के आश्वासन के बाद ग्रामीण जनता ने हड़ताल को स्थगित की.