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छिंदवाड़ा में दिखी कौमी एकता की मिसाल, लोगों ने मिलकर मनाया गणेश उत्सव और मोहर्रम

छिंदवाड़ा जिले के नगर अमरवाड़ा में एक ही पंडाल के नीचे गणेश जी और ताजिया को आस-पास कई सालों से एक साथ रखा जाता हैं, जहां कौमी एकता की मिसाल देखने को मिलती हैं

गणेश उत्सव और मोहर्रम मिलकर मनाया गया

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Published : Sep 10, 2019, 10:34 AM IST

छिंदवाड़ा। वैसे तो अमरवाड़ा नगर को सभी धर्मों के लोग धर्मनगरी के नाम से पुकारते हैं क्योंकि अमरवाड़ा में चाहे हिंदू हो चाहे मुसलमान सभी त्योहारों को एक साथ मिलकर मनाया जाता है.छिंदवाड़ा जिले के नगर अमरवाड़ा में कौमी एकता की मिसाल देखने को मिली है, जहां एक ही पंडाल पर हिंदुओं ने गणेश जी की आरती की और मुसलमानों ने ताजिए के सामने नमाज़ अदा की.

छिंदवाड़ा में दिखी कौमी एकता मिसाल
बता दें कि मोहर्रम के 1 दिन पहले ही नगर के पुराने पोस्ट ऑफिस मोहल्ले पर जहां भगवान गणेश की मनमोहक प्रतिमा स्थापित हैं वहीं उसी के सामने बरसों से ताजिया बनते चले आ रहे हैं. जहां अभी गणेश उत्सव चल रहे हैं उसी समय एक ही पंडाल के नीचे गणेश जी और ताजिया आमने-सामने रखे हुए हैं. जहां एक ओर हिंदू भगवान गणेश जी की पूजा-आराधना व आरती कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर मुस्लिम भाई ताजिए के सामने नमाज अदा कर कर रहे हैं इस नजारे को देखने के लिए नगर के लोग पुराने पोस्ट ऑफिस पर पहुंच रहे हैं.वहीं देखा जाता है कि जब नवरात्रि में मातेश्वरी मंदिर से विशाल कलश विसर्जन शोभायात्रा निकलती है तो स्थानीय शहीद चौक पर अंजुमन कमेटी शोभायात्रा का इस्तकबाल करते है और ठंडा पानी शरबत वितरित करते है. वही मोहर्रम ताजिया पर्व पर सही चौक पर जब ताजिया रखे जाते हैं तो हिंदू-मुस्लिम सब मिलकर एक साथ रेवड़ी लाइ चढ़ाकर अमन चैन की दुआ मांगते हैं.जानकारी के अनुसार अमरवाड़ा नगर में सभी लोग सर्व धर्म की भावना अपनाते हुए व लोग कौमी एकता की मिसाल को कायम करते हुए एक दूसरे के धार्मिक कार्यक्रमों में शरीक होकर उत्साह उमंग के साथ मनाते हैं.दूसरी तरफ अमरवाडा में मुस्लिम धर्मावलंवियों के मोहर्रम पर्व की भी तैयारी जोरो सोरो से की गई है. जिसमें इस्लाम धर्म की रक्षा के लिए शहीद हुए हजरत इमाम हुसैन और 72 शहीददाने करबला के शहीदों की याद में लगभग 1400 सौ वर्षों से इस्लाम समुदाय के विशेष लोग इस्लामिक माह मोहर्रम में इनकी शहादतो को याद करते हैं और इस्लामिक उसूलो की पैरवी के लिए वचनवध्द होते है और यह पर्व मुस्लिम समाज के द्वारा आयोजित किया जाता हैं. इस तरह इमाम हुसैन की याद में मोहर्रम पर्व को मनाया जाता है और लोगो के द्वारा ताजिया भी बनाई जाती है.

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