छिन्दवाड़ा। बाल विवाह को रोकने के लिए प्रशासन सख्त रवैया अपना रही है. इसके लिए प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को निर्देश दिया गया है, कि उनके यहां छपने वाले शादी कार्डों में दूल्हा दुल्हन के बालिग होने की जानकारी लिखना अनिवार्य होगा.
- लाडो अभियान के तहत जारी निर्देश
इस मामले में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी कल्पना तिवारी ने बताया कि विवाह आयोजनों की विशेष तिथि बसंत पंचमी अक्षय तृतीया के अवसर पर होती हैं, ऐसे में बाल विवाह की संभावनाओं को देखते हुए लाडो अभियान चलाया जा रहा है, बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिले के प्रिंटिंग प्रेस के प्रबंधकों और संचालकों को निर्देश दिया गया है कि कार्ड प्रिंटिंग के दौरान पत्रिका में स्पष्ट रूप से उल्लेख करना होगा कि वर-वधु बालिग हैं.
- जन्म संबंधी दस्तावेज लेकर ही करें कार्ड प्रिंटिंग
कार्ड छापने वाली एजेंसी और संचालकों को प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि बालक और बालिका की उम्र का जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित कोई भी दस्तावेज, स्कूल की अंकसूची आंगनबाड़ी केंद्र से प्राप्त रिकॉर्ड या फिर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल प्रमाण पत्र को देखकर ही, शादी कार्ड छापें. और उसमें स्पष्ट रूप से लिखें कि दूल्हा दुल्हन बालिग हैं. इसके साथ ही अतिरिक्त कलेक्टर रानी वाटड द्वारा बाल विवाह की रोकथाम के लिए 7 सदस्य समिति का गठन किया गया है. इस समिति में संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार अध्यक्ष रहेंगे.
- 2 साल की सजा, एक लाख तक का जुर्माना
बाल विवाह करने पर 2 साल का कारावास और एक लाख रूपये तक का जुर्माना है. बाल विवाह में साथ देने वाले लोगों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि
बाल विवाह रोकने के लिए शासन का सहयोग करें.