कमलनाथ के गढ़ में बोले स्वामी रामभद्राचार्य, पुरानी सरकारों ने देश को दी समस्या, PM मोदी कर रहे हल
Swami Rambhadracharya Statement: छिंदवाड़ा में राम कथा करने पहुंचे जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बयान दिया है. स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा पुरानी सरकारों की दी हुई समस्या को पीएम मोदी हल कर रहे हैं.
छिंदवाड़ा। पूर्व सीएम कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा के चौरई में राम कथा करने पहुंचे. जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि पुरानी सरकारों ने हमें समस्या ही समस्या दे दी थी. अब उन समस्याओं का निराकरण हो रहा है. जिसमें आर्टिकल 370 से लेकर राम मंदिर और कई मुद्दे हैं, जो अब सुलझ रहे हैं.
जनता के आशीर्वाद से मोदी बने पीएम तो 370 हुआ खत्म:छिंदवाड़ा के चौरई में 9 दिनों की रामकथा करने पहुंचे जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने पहले दिन कहा कि "पुरानी सरकारों ने हमें समस्या ही समस्या दे दी थी. उनके समाधान के लिए हम क्रमशः काम कर रहे हैं. धीरे-धीरे सारी समस्याएं अब खत्म हो रही है. रामभद्राचार्य ने कहा कि जब से मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तो वे देश का उत्थान कर रहे हैं. उन्होंने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाई, जिसके बारे में कभी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था. कश्मीर में जाने इतनी तकलीफ होती थी, जितना विदेश में जाने में नहीं होती थी, क्योंकि वहां के लोग हमें अपना मानते ही नहीं थे. आप लोगों के आशीर्वाद से मोदी प्रधानमंत्री बने और 370 हट गई."
मेरे बोलने पर कोई सेंसरशिप नहीं लगा सकता: जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि "कुछ नेता कह रहे थे कि कि देश और राष्ट्र के बारे में अगर कोई नेता बोले तो ठीक है. जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य क्यों बोल रहे हैं. उन्होंने उन्हें कड़ा जवाब देते हुए कहा कि क्यों ना बोले, क्या किसी ने उन पर सेंसरशिप लगा रखी है. उन्होंने कहा कि संत को तो राष्ट्र से जोड़ना ही चाहिए, जो संत राष्ट्र से नहीं जुड़ सकता. हर धर्माचार्य को धर्म के साथ-साथ साथ राष्ट्र से भी जुड़ना चाहिए, जो राष्ट्र से नहीं जुड़ा वह धर्माचार्य ही नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि सत्ता पर संत को अंकुश लगाना ही चाहिए. इसलिए हर धर्म आचार्यों को राष्ट्र पर खुलकर बोलना चाहिए."
राजनीति और धर्म में पति-पत्नी का संबंध दोनों एक दूसरे से नहीं है अलग:जगतद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि "कुछ लोग कहते हैं की राजनीति को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए, लेकिन मैं कहता हूं की राजनीति और धर्म दोनों एक दूसरे से अलग नहीं है. दोनों में जैसे पति-पत्नी का रिश्ता होता है. उन्होंने कहा कि धर्म अगर पति है, तो राजनीति पत्नी है. उन्होंने कहा कि गोस्वामी जी ने तो यहां तक कहा है कि राम जी धर्म है तो सीता जी राजनीति हैं."