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छिंदवाड़ा में रामकथा के बीच स्वामी रामभद्राचार्य ने बीजेपी से मांगा टिकट, लोगों में नाराजगी, बोले- कथा को बनाया राजनीतिक मंच - छिंदवाड़ा में रामभद्राचार्य की रामकथा

छिंदवाड़ा के चौरई में स्वामी रामभद्राचार्य राम कथा कर रहे हैं. इसी कथा में स्वामी रामभद्राचार्य ने कथा के आयोजक अजय रामदास के लिए टिकट की मांग कर दी.

rambhadracharya ram katha in chhindwara
स्वामी रामभद्राचार्य ने बीजेपी से मांगा टिकट

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 24, 2023, 9:20 PM IST

स्वामी रामभद्राचार्य ने बीजेपी से मांगा टिकट

छिंदवाड़ा। जिले के चौरई में बीते कई दिनों से स्वामी रामभद्राचार्य की कथा का आयोजन किया जा रहा है. इस रामकथा में रामभद्राचार्य ने कथा के आयोजक अजय रामदास के लिए भाजपा से टिकट देने की मांग की है. इसको लेकर धार्मिक मंच को राजनीतिक लाभ लेने का माध्यम बनाने से लोगों में नाराजगी देखी गई.

रामभद्राचार्य ने व्यास पीठ से मांगी विधानसभा टिकट: चौरई मैं आयोजित राम कथा के पांचवे दिन स्वामी रामभद्राचार्य ने कथा के दौरान मंच से कथा के आयोजक अजय रामदास को भाजपा से विधानसभा टिकट लेने की मांग कर दी. उन्होंने कहा कि "मैं लोगों से कहूंगा कि वह इन्हें टिकट दें, लेकिन अब वह लोग मानेंगे या नहीं मानेंगे यह मुझे नहीं पता. कथा के दौरान व्यास पीठ से इस तरह की मांग को लेकर पूरे छिंदवाड़ा जिले में चर्चाएं हो रही है. यह भी देखा जा रहा है कि कथा के दौरान स्वामी रामभद्राचार्य अक्सर भाजपा का समर्थन करते हुए नजर आते हैं.

लोधी समाज से आते हैं अजय रामदास रामटेक में हैं महंत: चौरई विधानसभा के घोगरी गांव के रहने वाले अजय रामदास वर्तमान में महाराष्ट्र के रामटेक में महंत हैं. चौरई में वे अपने माता-पिता की स्मृति में स्वामी रामभद्राचार्य की राम कथा का आयोजन कर रहे हैं. चौरई विधानसभा लोधी बाहुल्य विधानसभा है. इसी का फायदा लेने के नजरिए से अजय रामदास ने भाजपा से टिकट की मांग की है. इसकी वकालत स्वामी रामभद्राचार्य ने व्यास पीठ से की.

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सेवादारों ने सेवाएं कथा स्थल में सेवा देने किया बंद:जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य के व्यासपीठ से आयोजन के लिए विधानसभा चुनाव का टिकट मांगने की चर्चा के बाद से ही कथा में सहयोग दे रहे सहायता ग्रुप और श्री राम सेवक परिवार ने कथा स्थल से अपनी सेवाएं बंद कर वापस लौट आए लोगों का कहना था कि भी धर्म और सनातन के कार्य के लिए हम अपनी सेवाएं दे रहे थे, लेकिन इसे राजनीतिक मंच बना दिया गया. कथा आयोजक अजय रामदास वर्मा ने जनता की भावनाओं को आहत किया. इसलिए वहां सेवा देने वाले सभी सेवादारों ने सेवाएं बंद कर दी है.

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