छिंदवाड़ा। वन विभाग में कमप्यूर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ्य सतीश विश्वकर्मा को सर्पमित्र नाम से बुलाया जाता है. उन्होंने अब तक 2500 से अधिक सांपों को पकड़ा है. खास बात ये है कि जान हथेली पर रख वे निशुल्क सांप पकड़ते हैं. अजगर, कोबरा जैसे खतरनाक सांपों को पकड़ना उनके लिए आसान काम है.
24 जून 2009 को उन्हें वन विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद नियुक्ति मिली थी. जिसके 3 साल बाद अमरवाड़ा रेंजर इंदर सिंह से प्रेरित होकर उन्होनें सांप पकड़ने का सिलसिला शुरू किया जो अब तक जारी है. पहली बार अमरवाड़ा की शिक्षक कॉलोनी में उन्होंने सांप पकड़ा था. सतीश विश्वकर्मा ने सांप पकड़ने के लिए मानदेय राशि मांग की है. मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने सर्प पकड़ने का काम बंद करने की बात भी कही.
'अनदेखी के चलते छोडूंगा सर्पमित्र का काम'
सतीश विश्वकर्मा को 2012 से 2019 तक एक ही बार डीएफओ ने उन्हें सर्टिफिकेट दिया है, जबकि अमरवाड़ा में छोटे-छोटे कार्यों को करने वाले को भी प्रशस्ति पत्र, प्रमाण पत्र और सर्टिफिकेट दिए जाते हैं. इसी को देखते हुए उन्होंने 2020 में सर्पमित्र का कार्य छोड़ने की बात भी कही है.