छिंदवाड़ा। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने 2018 में संबल योजना की शुरुआत की थी. योजना के तहत एक्सीडेंट में मृत होने पर 4 लाख देने का प्रावधान है. अंत्येष्टि के लिए 5000 रुपये भी दिए जाते हैं. शहर में योजना नगरी निकाय और ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत के माध्यम से संचालित हो रही है. लेकिन अब फंड की कमी के चलते गरीबों को इस योजन का लाभ नहीं मिल पा रहा है. संबल और नया सवेरा के नामों में उलझी सरकारी योजना आमजनों का सहारा नहीं बन पाई हैं. वेरिफिकेशन पूरा हो चुका है लेकिन सालभर से हितग्राही के खातों में राशि आने का इंतजार है. सरकारी सहायता मिल जाए, इसके लिए हितग्राही सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अफसरों से हितग्राहियों को फंड की कमी का जवाब मिल रहा है.
दो बार बदल चुका है योजना का नाम :इस योजना में राजनीति भी खूब हुई लेकिन फंड जारी नहीं हुआ. 2018 में योजना की शुरुआत के समय इसका नाम संबल रखा गया था. बाद में कमलनाथ सरकार ने इस योजना का नाम नया सवेरा कर दिया. फिर जब कमलनाथ सरकार चली गई. योजना का नाम फिर से संबल कर दिया गया. इस योजना से अब तक छिंदवाड़ा जिले में 6 लाख 66 हजार लोगों को पंजीकृत किया जा चुका है. फरवरी 2020 से योजना में नए लोगों का पंजीयन हो रहा है. अब हालात ये हैं कि कोरोना से बिगड़ी शासन की वित्तीय स्थिति के कारण इस योजना की हितग्राही लाभान्वित नहीं हो पाए. 2020-21 से अब तक जिले में 1349 हितग्राहियों ने योजना के तहत आवेदन किया है लेकिन फंड प्राप्त नहीं हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि वेरिफिकेशन तो सभी का हो चुका है लेकिन शासन से फंड आने का इंतजार है.