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छिंदवाड़ा के इस हनुमान मंदिर को लेकर मचा है सियासी संग्राम, जानें क्या है खासियत

छिंदवाड़ा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने भगवान राम और हनुमान पर बयान देकर नया सियासी संग्राम छेड़ दिया है. इसे लेकर भाजपा ने उनके धार्मिक ज्ञान पर सवाल भी उठाए हैं. आखिर कौन सा है वह हनुमान मंदिर जिसको लेकर मचा है सियासी संग्राम. देखें खास रिपोर्ट...

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Published : Feb 16, 2021, 12:02 PM IST

Jamasavali Hanuman Temple
जामसावली हनुमान मंदिर

छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के इकलौते कांग्रेस पार्टी के सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का दावा है कि रावण की लंका पर चढ़ाई की योजना मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बनाई गई थी. दरअसल, छिंदवाड़ा के चांद में राम कथा के समापन कार्यक्रम में पहुंचे सांसद ने भगवान राम और रामायण से जुड़े संस्मरण सुनाते हुए राम नाम में डुबकी लगाने में इतने मशगूल हो गए कि उन्होंने भगवान राम और हनुमान के छिंदवाड़ा से जुड़े मनगड़ंत किस्से सुना दिए. जिसके बाद मध्यप्रदेश की राजनीति में भगवान राम और हनुमान की एंट्री के बाद सियासी पारा चढ़ा हुआ है. जिस जामसावली हनुमान मंदिर का सांसद नकुलनाथ ने अपने बयान में जिक्र किया है वो बेहद चमत्कारिक हनुमान मंदिर है.

इस हनुमान मंदिर को लेकर मचा है सियासी संग्राम

'जामसावली हनुमान मंदिर में बनाई थी लंका पर चढ़ने की योजना'

10 फरवरी को छिंदवाड़ा सांसद नकुल नाथ छिंदवाड़ा में 2 दिनों के दौरे पर थे इस दौरान भी चांद में एक रामकथा के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. वहीं पर उन्होंने कहा था कि भगवान राम के बारे में हिंदू शास्त्रों में जो लिखा है वो गलत है बल्कि भगवान राम का छिंदवाड़ा से गहरा नाता है. वनवास के दौरान भगवान राम ने कई साल चौरई के जंगलों में बिताए थे. जो आजकल पेंच नेशनल पार्क है. इतना ही नहीं नकुल नाथ ने कहा था कि जामसावली के हनुमान मंदिर में जो नीम का पेड़ है. उसी पेड़ के नीचे हनुमान जी ने लंका में चढ़ाई करने के लिए वानर सेना के साथ मिलकर पूरी योजना बनाई थी.


शयन मुद्रा में हैं हनुमान जी की प्रतिमा,नाभि से निकलता है जल

सौसर के जामसांवली में हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा है. इस मंदिर का नाम चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति या प्रेत बाधाओं से ग्रसित व्यक्ति की इस मंदिर में आने मात्र से बीमारियां ठीक हो जाती हैं. हनुमान जी की नाभि से निरंतर चल निकलता रहता है. उनकी नाभि से निकलने वाले जल से लोग आचमन करते हैं और उसके पीने से सभी बीमारियां दूर होती हैं इसलिए लोग अपने घरों में भी जल को लेकर जाते हैं.

हनुमान प्रतिमा

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स्वयंभू है प्रतिमा, नीम का पेड़ आज भी मौजूद

कैमरे के सामने ना आने की शर्त पर मंदिर के एक पुजारी ने बताया कि लेटे हुए हनुमान जी यहां स्वयं प्रकट हुए थे और आराम मुद्रा में ही उनकी नाभि से लगातार जल निकलता है. जहां पर हनुमान जी लेटे हुए हैं. उनके बगल में ही नीम का पेड़ है. हालांकि पुराणों में ऐसी कोई भी प्रमाण नहीं है, कि हनुमान जी ने यहां पर लंका विध्वंस की रणनीति बनाई थी.

जामसावली हनुमान मंदिर

भाजपा ने उठाए सवाल- कहा अवसरवादी

भाजपा जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू ने नकुल नाथ के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जो कांग्रेस पार्टी अब तक राम के अस्तित्व पर ही सवाल उठाती थी अब उन्हीं के नाम पर राजनीति कर रही है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है इसलिए उन्हें राम भगवान की याद आ रही है. जामसांवली में हनुमान जी तो हमेशा से ही निवास करते हैं. ऐसा उनका मानना है लेकिन लंका विध्वंस की रणनीति मंदिर के पेड़ के नीचे बनी थी और हनुमान जी ने यहां आकर बनाई थी इसके कोई प्रमाण नहीं है.

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