छिंदवाड़ा। लॉकडाउन का असर अब लोगों की नौकरियों पर भी पड़ने लगा है. मजदूरों के बाद अब युवाओं को भी नौकरी का खतरा सताने लगा है. इसी कड़ी में छिंदवाड़ा जिले में स्थित निजी कॉल सेंटर में पेटीएम बिजनेस की स्थापना की गई थी, जिसमें सैकड़ों युवाओं को रोजगार दिया गया था, लेकिन अब बिजनेस नहीं होने का हवाला देकर उन्हें बेरोजगार कर दिया गया है, जिससे उन्हें आगामी दिनों में आर्थिक सकंट से जूझना पड़ सकता है.
निजी कॉल सेंटर से युवाओं को नौकरी से निकाला नौकरी से बेदखल हुए युवा
चिलचिलाती धूप में सांसद नकुल नाथ से मिलने आए युवाओं का कहना है कि पेटीएम बिजनेस की स्थापना कर उन्हें नौकरी दी गई थी. दो साल तक जॉब करने के बाद अब समस्या आन पड़ी है, जहां पेटीएम कंपनी में बिजनेस नहीं होने का हवाला देकर कार्य को बंद कर दिया गया है. निजी कॉल सेंटर के साथ मिलकर पेटीएम का बिजनेस सेंटर चलता था, लेकिन लॉकडाउन के चलते सैकड़ों युवाओं को अब नौकरी से बेदखल कर दिया गया है.
सांसद नकुलनाथ से गुहार लगाने आए युवा
नौकरी से निकाले गए युवाओं का कहना है कि कई लोगों का परिवार सिर्फ इसी नौकरी के भरोसे चलता था, लेकिन लॉकडाउन के दौरान अब उन्हें यहां से हटा दिया गया है, जबकि कहीं भी नौकरी नहीं मिल रही है, इसलिए वे सांसद नकुल नाथ से रोजगार के लिए गुहार लगाने आए है.