छिंदवाड़ा । जिले के पांढुर्णा में कचरा डंप के नाम पर नगर पालिका की फिर से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. नगर पालिका को दोबारा कचरा परिवहन के नाम पर लाखों रुपए फूंकने पड़ेंगे. कचरा डंप के नाम पर हो रही इस लापरवाही को लेकर कांग्रेस पार्षद ने नगर पालिका प्रशासन को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है. कांग्रेस पार्षद ने खुलासा किया है कि परिषद की बैठक में सभी पार्षदों ने निर्णय लिया था कि कचरा परिवहन के बाद जो भी 30 वार्डों का कचरा निकलेगा, उसे कलमगांव के कचरा डंप पर भेजा जायेगा.
नगर पालिका की मीटिंग में लिए फैसले को दरकिनार कर सही जगह नहीं फेंका जा रहा कचरा
पांढुर्णा में लोग कचरे की बदबू से परेशान हैं. नगर पालिका की बैठक में पार्षदों ने फैसला लिया था, कि कचरा कमलगांव में फेंका जाएगा, लेकिन बातों को दरकिनार करते हुए नगर पालिका के कर्मचारी कचरे को उसी जगह पर फेंक रहे हैं. फिलहाल हालात कब सुधरेंगे, कोई कह नहीं सकता.
लेकिन नगर पालिका ने फिर से रोज निकलने वाला कचरा उसी जगह पर फेंकना शुरु कर दिया है, जहां कचरे का अंबार लगा हुआ है. कचरे से बदबू फैलने लगी है, जिसका खामियाजा वार्डवासियों को भुगतना पड़ रहा है. कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि नगर पालिका की लापरवाही के चलते ही कचरा परिवहन में गड़बड़ी हुई है. मामले की जांच भी ठंडे बस्ते में डाल दी गई है. नगर पालिका प्रशासन ने कचरा परिवहन के नाम पर अब तक 24 लाख की राशि में से 8 लाख की राशि ठेकेदार को जारी कर दी है.
पार्षदों का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन उतनी ही राशि से कचरा परिवहन के लिए एक नया वाहन खरीद सकती थी. वाहन का उपयोग भी हर दिन वार्डों से निकलने वाले कचरा परिवहन के लिए किया जा सकता था. वर्तमान में नगर पालिका के पास 5 मैजिक वाहन मौजूद हैं, जो हर वार्ड की गली-मोहल्ले का कचरा समेट रहे हैं. फिलहाल हालात जस के तस बने हुए हैं.