छिन्दवाड़ा।जीवन में जरा सी परेशानियों के चलते जिंदगी से हार मान लेना या गलत रास्ता अख्तियार करने वालों के लिए मिसाल है छिंदवाड़ा की 80 साल की पम्मी बाई पापड़ वाली. पिछले 30 सालों से लगातार अचार पापड़ बनाकर कलेक्ट्रेट समेत सरकारी दफ्तरों में बेचती हैं और खुद का गुजारा कर रही हैं.
शरीर नहीं देता साथ लेकिन हौसले को सलाम।
80 साल की उम्र में पम्मी बाई को कोई भी देखकर कहेगा कि महिला का शरीर साथ नहीं देता होगा और अब आराम करने की जरूरत है, लेकिन उनके हौसले ऐसे हैं कि कई युवाओं को भी पस्त कर दें. इस उम्र में भी पम्मी बाई खुद का गुजारा करने के लिए हर दिन सरकारी दफ्तरों में पापड़ बेचते नजर आती हैं. पम्मी बाई खुद ही घर में पापड़ बनाती है और फिर सरकारी दफ्तरों में बेचती हैं.
30 सालों से कर रहीं काम, कलेक्टर भी स्वाद के दीवाने
पम्मी बाई बताती हैं कि करीब 30 साल पहले से वे काम कर रही हैं. उनके पति के गुजर जाने के बाद उनके सामने दिक्कत आ गई थी. इसके बाद वे लगातार पापड़ और अचार बनाकर सरकारी दफ्तरों में बेचती रहीं. छिंदवाड़ा में कलेक्टर रहे डॉक्टर श्रीनिवास शर्मा भी इनके पापड़ के दीवाने हैं. वे हमेशा पापड़ खरीदते थे. पम्मी बाई बताती हैं कि डॉक्टर श्रीनिवास शर्मा उनके बेटे जैसे हैं.