छिंदवाड़ा। जिले के पांढुर्णा में संतरे की फसल पर सर्दी का सितम शुरू हो गया है, ठंड की दस्तक के साथ ही तीन बीमारियों ने अटैक (Orange crop destroyed due to seasonal disease in Pandhurna) करना शुरू कर दिया है, जिससे संतरे की फसल खराब होने लगी है, वहीं कृषि विभाग या उद्यानिकी विभाग से किसानों को अनुदान पर दवाई भी नहीं दी जा रही है, जिससे किसान महंगी दवा खरीदकर संतरे की फसल को बीमारी से बचाने में लगे हैं.
सरकार ने किया लहसुन लगाने के लिए प्रोत्साहित,अब सरकारी नीतियों के कारण ही नहीं मिल रहा उचित दाम
बर्बाद हो रही संतरे की बाग
पांढुर्णा को भले ही ऑरेंज सिटी का दर्जा मिला है, इस ऑरेंज सिटी पर शासन की अनदेखी से ग्रहण लगने लगा है, आलम ये है कि संतरे के बाग धीरे-धीरे बर्बाद होने लगे हैं. पांढुर्णा में संतरे की फसल को एक साथ तीन बीमारियों ने घेर लिया है, जहां एक ओर संतरे के पेड़ को डीग्या बीमारी ने घेर लिया है, वहीं दूसरी ओर ठंड के दिन शुरू होते ही संतरे पर लाल्या ने दस्तक दे दी है, जिससे संतरे का कलर काला पड़ने लगा है, जो कुछ दिन बाद जमीन पर गिर जाता है. वहीं तीसरी बीमारी मुंह फोड़ी बताई जा रही है, इस बीमारी से संतरे का आधा हिस्सा फूट जाता है, जिससे संतरे का स्वाद भी बिगड़ जाता है और जमीन पर गिर जाता है, इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं कॄषि विभाग किसानों की इस समस्या पर ध्यान ही नहीं दे रहा है.