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सर्दी के साथ संतरे की फसल पर 3-3 बीमारियों की दस्तक! प्रशासनिक अनदेखी से बर्बाद हो रहा किसान - orange crop farmer worry

ऑरेंज सिटी के नाम से मशहूर पांढुर्णा का रंग अब फीका पड़ने लगा है, सर्दी की दस्तक के साथ ही संतरे की फसल में तीन तरह के रोगों ने घेर (Orange crop destroyed due to seasonal disease in Pandhurna) लिया है, जिसके लिए कृषि या उद्यानिकी विभाग की तरह से भी कोई बचाव नहीं किया जा रहा है, जिसकी वजह से फसल के साथ-साथ किसान भी बर्बाद होने लगे हैं क्योंकि यहां का ज्यादातर किसान संतरे की ही खेती करता है.

Orange crop destroyed due to seasonal disease in Pandhurna
संतरे की फसल पर दवा छिड़कता किसान

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Published : Dec 7, 2021, 2:31 PM IST

छिंदवाड़ा। जिले के पांढुर्णा में संतरे की फसल पर सर्दी का सितम शुरू हो गया है, ठंड की दस्तक के साथ ही तीन बीमारियों ने अटैक (Orange crop destroyed due to seasonal disease in Pandhurna) करना शुरू कर दिया है, जिससे संतरे की फसल खराब होने लगी है, वहीं कृषि विभाग या उद्यानिकी विभाग से किसानों को अनुदान पर दवाई भी नहीं दी जा रही है, जिससे किसान महंगी दवा खरीदकर संतरे की फसल को बीमारी से बचाने में लगे हैं.

संतरे की फसल पर दवा छिड़कता किसान

सरकार ने किया लहसुन लगाने के लिए प्रोत्साहित,अब सरकारी नीतियों के कारण ही नहीं मिल रहा उचित दाम

बर्बाद हो रही संतरे की बाग

पांढुर्णा को भले ही ऑरेंज सिटी का दर्जा मिला है, इस ऑरेंज सिटी पर शासन की अनदेखी से ग्रहण लगने लगा है, आलम ये है कि संतरे के बाग धीरे-धीरे बर्बाद होने लगे हैं. पांढुर्णा में संतरे की फसल को एक साथ तीन बीमारियों ने घेर लिया है, जहां एक ओर संतरे के पेड़ को डीग्या बीमारी ने घेर लिया है, वहीं दूसरी ओर ठंड के दिन शुरू होते ही संतरे पर लाल्या ने दस्तक दे दी है, जिससे संतरे का कलर काला पड़ने लगा है, जो कुछ दिन बाद जमीन पर गिर जाता है. वहीं तीसरी बीमारी मुंह फोड़ी बताई जा रही है, इस बीमारी से संतरे का आधा हिस्सा फूट जाता है, जिससे संतरे का स्वाद भी बिगड़ जाता है और जमीन पर गिर जाता है, इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं कॄषि विभाग किसानों की इस समस्या पर ध्यान ही नहीं दे रहा है.

रोग ग्रसित संतरे की फसल

संतरे की मृग किस्म पर बढ़ा खतरा

पांढुर्णा के किसान प्रकाश सिरस्कर के मुताबिक मृग संतरे की फसल आई है, लेकिन ठंड की दस्तक शुरू होते ही संतरे पर लाल्या, डीग्या और मुंह फोड़ी बीमारी ने घेर लिया है और मृग संतरे की फसल पर सबसे ज्यादा खतरा बढ़ गया है, जिसकी रोकथाम पर शासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

रोग ग्रसित संतरे की फसल

13000 हेक्टेयर में लगी संतरे की फसल

उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पांढुर्णा क्षेत्र में संतरे का रकबा 13 हजार हेक्टेयर है, लेकिन शासन की अनदेखी और विभाग के अधिकारियों की लापरवाही (Oranges crop destroyed due to departmental negligence) से संतरा उत्पादक किसानों कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.

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