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अशासकीय स्कूल के शिक्षक भीख मांगने को मजबूर, राहत कोष में कराएंगे जमा - राइट टू एजुकेशन

अशासकीय स्कूल के शिक्षक भीख मांग कर रुपए एकत्रित करने को मजबूर हो रहे है.

protest against government
सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन

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Published : Mar 8, 2021, 3:28 PM IST

छिंदवाड़ा। अशासकीय स्कूल के शिक्षकों ने स्कूल खोलने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि सिर्फ प्राइवेट स्कूलों के साथ भेदभाव हो रहा है. विरोध दर्ज कराने के लिए शिक्षक भीख मांग कर रुपए एकत्रित कर रहे है.

प्राइवेट स्कूल के संचालक और शिक्षकों ने लगाया भेदभाव का आरोप
प्राइवेट स्कूल के संचालक और शिक्षकों का कहना है कि सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों को मोहल्ला क्लास लगाने की अनुमति नहीं दी गई है, जिसके चलते उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

भीख मांग कर एकत्रित कर रहे रुपए, सरकार के राहत कोष में करेंगे जमा
अशासकीय स्कूल के शिक्षकों ने फवारा चौक पर गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भीख मांगने का काम शुरू किया. उन्होंने मुख्य मार्गों से होते हुए सड़कों पर लोगों से और दुकानदारों से भीख मांगी. ये रुपये मध्य प्रदेश सरकार के राहत कोष में जमा कराए जायेंगे.

अशासकीय स्कूल के संचालकों ने बताया कि राइट टू एजुकेशन के अंतर्गत पढ़ाए गए बच्चों का पैसा अधिकांश प्राइवेट स्कूलों को नहीं मिल पाया है. 2018 में कुछ स्कूलों को राइट टू एजुकेशन के पैसे सरकार द्वारा दिए गए थे, लेकिन अधिकांश स्कूलों को 2018 से पैसे मिले ही नहीं.

प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं का गया रोजगार
प्राइवेट स्कूलों में बड़ी संख्या में महिलाएं पार्ट टाइम जॉब करती थी, जिसके जरिए उनके घर का खर्चा चला लेती थी. वहीं कोविड-19 संक्रमण के चलते प्राइवेट स्कूल बंद है, जिसके कारण प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षिकाएं और शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं. उन्हें आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शिक्षिकाओं का कहना है कि सरकारी स्कूल खोल दिए गए हैं. उसी तर्ज पर प्राइवेट स्कूलों को भी खोलने की परमिशन दे दी जाए, जिससे उन्हें राहत मिल पाए.

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