छिंदवाड़ा।कहते हैं कि मन में कुछ करने का जज्बा हो तो कबाड़ से भी सोना बनाया बनाया जा सकता है और अगर कबाड़ का इस्तेमाल किसी की जिंदगी बचाने के लिए किया जाए तो इसकी अहमियत बेशकीमती सोने के भी बढ़कर हो जाती है. वहीं, इधर-उधर फैले रहने वाले वाले इस कबाड़ का सही इस्तेमाल छिंदवाड़ा के पांढुर्णा साईं मंदिर में देखने को मिला है.
- ऐसे हो रहा इस्तेमाल
इस मंदिर के कर्मचारी प्लास्टिक का कबाड़ और मंदिर में रोजाना खाली होने वाले तेल के केन का इस्तेमाल पक्षियों की भूख-प्यास बुझाने के लिए कर रहे हैं. इन लोगों ने खाली तेल के केंन और अन्य बेकार पड़े बर्तनों को काटकर उसमें चावल के दानें-पानी भरकर जगह-जगह लटका दिया है, जिससे गर्मियों के दिनों में पक्षियों की भूख-प्यास मिट रही है