छिंदवाड़ा। जिले के पांढुर्णा सरकारी अस्पताल में जन्मे कमजोर नवजात शिशुओं की सेहत सुधारने के लिए न्यू बॉर्न केयर यूनिट में रखा जाता है. पिछले डेढ़ साल में 437 नवजात शिशुओं को न्यू बॉर्न केयर यूनिट के जरिए 'जीवनदान' मिल चुका है.
पांढुर्णा सरकारी अस्पताल में न्यू बॉर्न केयर यूनिट बनने से नवजातों को नागपुर या छिंदवाडा रेफर नहीं किया जाता, बल्कि नवजात शिशुओं का इलाज कर उन्हें वार्मर मशीन में रखकर उनके शरीर का तापमान स्थिर किया जाता है. पांढुर्णा विकास खंड में कुल 4 डिलीवरी सेंटर बनाये गए हैं.
पांढुर्णा का न्यू बॉर्न केयर यूनिट अब तक 437 शिशुओं को दे चुका है 'जीवनदान' - शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मिलिंद गजभिये
छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा सरकारी अस्पताल के न्यू बॉर्न केयर यूनिट में कमजोर नवजात शिशुओं को जीवनदान मिलता है. नवजात शिशुओं को वार्मर मशीन में रखकर उनके शरीर का तापमान स्थिर किया जाता है, ताकि उनकी जान बचाई जा सके.
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चार वार्मर मशीन-फोटो थेरेपी मशीन से मिलती है राहत
न्यू बॉर्न केयर यूनिट प्रभारी तारा पोकले ने बताया कि पांढुर्णा सरकारी अस्पताल में कुल चार वार्मर मशीन और एक फोटो थेरेपी मशीन उपलब्ध है, जिसमें कमजोर और जन्मजात विकृति वाले नवजातों को रखा जाता है, ताकि उनके शरीर का तापमान स्थिर हो सके.
नवजात मृत्यु दर कम करने न्यू बॉर्न यूनिट बना सहारा
इस मामले में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मिलिंद गजभिये ने बताया कि मध्यप्रदेश में कुल 61 यूनिट संचालित हो रहे हैं. इस यूनिट का मुख्य उद्देश्य नवजात मृत्यु दर को कम करना है और हर कमजोर नवजात को स्वास्थ्य सेवाएं देना है. उन्होंने बताया कि ऐसे नवजात जिनका वजन कम हो, जो जन्म होते ही रोया नहीं हो, ऐसा नवजात जिसको पीलिया हुआ हो, नवजात जिसकी माता को शुगर की बीमारी हो, जिसके फेफड़ों में दूषित पानी भरा हो, ऐसे नवजात शिशुओं को इस वार्मर मशीन में रखकर उनके शरीर का तापमान स्थिर किया जाता है.