छिंदवाड़ा।अनाज को सुरक्षित रखने के लिए बड़े-बड़े वेयरहाउस और फिर उनमें कीटनाशकों का प्रयोग आम बात है, लेकिन आदिवासी इलाकों में एक ऐसी तकनीक है जिसमें साल भर अनाज खुले में रहने के बाद भी खराब नहीं होता. इसे देशी वेयरहाउस भी कह सकते हैं. दरअसल छिंदवाड़ा के आदिवासी इलाकों में अधिकतर घरों के सामने अनाज और प्याज लहसुन के बड़े-बड़े गट्ठर लकड़ियों में लदे हुए नजर आते हैं, इसे आदिवासी इलाकों में जेरी कहा जाता है. आदिवासियों ने बताया कि इस तरीके से अनाज रखने से अनाज में ना तो कीड़े लगते हैं और ना ही अनाज खराब होता है. इस तरीके से अनाज भयंकर गर्मी हो लगातार बारिश हो या फिर ठंड हमेशा सुरक्षित रहता है और फिर इसी अनाज को किसान अगली बार खेतों में बोने के लिए उपयोग करता है.
इस तकनीक के आगे बड़े-बड़े वेयरहाउस भी हैं फेल:अनाज को सुरक्षित रखने के लिए बड़े-बड़े वेयरहाउस भी उपयोग किए जाते हैं और फिर उसमें काफी मात्रा में कीटनाशक का भी प्रयोग किया जाता है, लेकिन इसके बाद भी अनाज सुरक्षित रहेगा या नहीं इसकी गारंटी नहीं होती लेकिन आदिवासियों की यह तकनीक बड़े-बड़े वेयरहाउस उनको मात दे रही है. आमतौर पर आदिवासियों को कम पढ़ा-लिखा और तकनीको से दूर माना जाता है, लेकिन घरेलू नुस्खे और उनकी तकनीकी बड़े-बड़े इंजीनियरों को भी सोचने पर मजबूर कर देती है.