Chhindwara Assembly Seat। मध्य प्रदेश की सबसे चर्चित सीटों में से एक छिंदवाड़ा सीट है. इसकी वजह है कि यह पूर्व सीएम व कांग्रेस प्रत्याशी कमलनाथ का गढ़ और उनकी विधानसभा सीट है. इस सीट से कमलनाथ प्रत्याशी हैं. जबकि कमलनाथ को टक्कर देने बीजेपी ने युवा चेहरे विवेक बंटी साहू को मैदान में उतारा है. साल 2019 के उपचुनाव में भी कमलनाथ के मुकाबले में बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को ही टिकट दिया था. इस बार दोनों के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. देखने वाली बात होगी कि क्या कमलनाथ अपने गढ़ को बचा पाएंगे या विवेट बंटी साहू सेंध लगाएंगे.
ढाई लाख से ज्यादा मतदाता करेंगे किस्मत का फैसला:छिंदवाड़ा जिले में कुल 262745 वोटर हैं. छिंदवाड़ा विधानसभा में सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला होता है. पिछले तीन चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो 2008 के चुनावों में कांग्रेस के दीपक सक्सेना ने बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह को 3444 वोटों से हराया था. साल 2013 के चुनावों में एक बार फिर बीजेपी से चौधरी चंद्रभान सिंह और कांग्रेस से दीपक सक्सेना मैदान में थे. इस चुनाव में बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह ने बाजी मारते हुए कांग्रेस के दीपक सक्सेना को 24778 वोटों से करारी शिकस्त दी थी. वहीं साल 2018 में एक बार फिर बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से वही चेहरे सामने थे, लेकिन इस बार फिर बाजी पलटी और 14547 वोटों से कांग्रेस के दीपक सक्सेना ने बीजेपी के चौधरी चंद्रभान सिंह को चुनाव हराया.
कमलनाथ के प्रति विशेष लगाव: पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ छिंदवाड़ा से 9 बार सांसद रहे हैं. पिछले 43 सालों से वे छिंदवाड़ा की राजनीति कर रहे हैं. इसलिए छिंदवाड़ा में उनका राजनीतिक प्रभाव बहुत अधिक है. 2018 में उन्होंने सीएम बनने के बाद छिंदवाड़ा से 2019 में विधानसभा का चुनाव लड़ा. हालांकि छिंदवाड़ा में कमलनाथ अधिकतर लोकसभा चुनाव में ही फोकस करते थे, लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनने के बाद 2018 से उन्होंने विधानसभा में फोकस किया और 2018 के चुनावों में सातों विधानसभा से कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. साल 2018 में भी छिंदवाड़ा में कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर वोट डाले गए थे और 2023 में भी एक बार फिर कमलनाथ को मुख्यमंत्री के लिए कांग्रेस की तरफ से प्रचारित किया जा रहा है.
छिंदवाड़ा मॉडल के नाम पर लड़ा गया था 2018 का चुनाव: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने साल 2018 में छिंदवाड़ा जिले को विकास का मॉडल बताते हुए प्रदेश भर में चुनाव लड़ा था. उसके बाद कांग्रेस पार्टी के ही मंत्रियों ने छिंदवाड़ा जिले में ही सरकारी बजट देने का आरोप लगाते हुए कमलनाथ की सरकार से इस्तीफा देकर सरकार गिरा दी थी. एक बार फिर कमलनाथ छिंदवाड़ा विकास मॉडल को लेकर प्रदेश भर में जा रहे हैं और शिवराज सिंह सरकार पर छिंदवाड़ा के विकास के साथ भेदभाव का लगातार आरोप लगा रहे हैं. कमलनाथ का कहना है कि 15 महीने की कांग्रेस की सरकार के दौरान छिंदवाड़ा में दिए गए विकास कार्यों के बजट में शिवराज सिंह सरकार ने कटौती कर दी है.