MP Assembly Elections 2023: कमलनाथ की गृह विधानसभा में एक विशेष जाति से ही बनता है विधायक, जानिए समीकरण
यह साल चुनावी है. मध्यप्रदेश में चुनाव को लेकर नेता विधायक से लेकर राजनीतिक पार्टियां जीत के लिए जोर-शोर से प्रयास में जुट गए हैं. वहीं चुनाव से पहले एमपी की सीटों की रिपोर्ट लेकर आए हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के गृह सीट के कुछ सियासी समीकरणों को जानते हैं.
कुनबियों का गढ़
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Published : May 5, 2023, 8:24 PM IST
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Updated : May 6, 2023, 10:01 AM IST
छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह नगर की विधानसभा सीट सौंसर अनारक्षित है, लेकिन यहां पर दबदबा अन्य पिछड़ा वर्ग का है. इसलिए दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल हमेशा अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार को मैदान में उतारते हैं. सौसर विधानसभा क्षेत्र के मुख्य मुद्दे और क्या हैं. राजनीतिक समीकरण जानिए इस रिपोर्ट में.
विजय चौरे कांग्रेस विधायक
अनारक्षित सीट अन्य पिछड़ा वर्ग का दबदबा: सौसर विधानसभा सीट अनारक्षित है, लेकिन अगर जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां दबदबा अन्य पिछड़ा वर्ग का है. करीब 60 से 65 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता विधायक तय करते हैं. इस सीट में कुल मतदाता 197889 हैं, जिनमें से महिला 95357 और पुरुष 102527 हैं. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उसके बाद फिर अनुसूचित जाति जनजाति के 15 फीसदी मतदाता और लगभग 20 फीसदी मतदाता सामान्य वर्ग की श्रेणी में आते हैं.
अजय चौरे बीजेपी नेता
बीजेपी का रहा दबदबा, कुनबी मतदाता लगाते हैं नैया पार: महाराष्ट्र के नागपुर जिले की सीमा से सटे अनारक्षित इस सीट में मराठी बाहुल्य इलाका है. पिछड़ा वर्ग के वोटरों की संख्या अधिक है. हालांकि यह इलाका खेती से जुड़ा है, जिसमें संतरे और कपास की फसल अधिक होती है. नागपुर से लगा इलाका है, इसलिए नागपुर के व्यापार का काफी प्रभाव है और संघ का दखल भी है. 2003 के बाद से यहां से भाजपा के नानाभाऊ मोहड़ हमेशा जीते हैं, लेकिन 2018 में कमलनाथ लहर में कांग्रेस के विजय चौरे को 86700 वोट मिले, जबकि नानाभाऊ को 66228 वोटों से संतुष्ट होना पड़ा था. कांग्रेस के विजय चौरे 20472 वोटों से चुनाव जीते थे.
नानाभाऊ मोहड़ बीजेपी नेता
मुद्दे:
कपास का भावः इलाके में कपास का उत्पादन अधिक होता है, लेकिन कपास के भाव का समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं है, इसलिए किसान ठगा जाता है.
कपास के भाव की कमी के चलते किसान ठगे जाते हैं, अगर कोई अच्छा उद्योग हो तो किसानों को फायदा मिले.
बेरोजगारीःएक फसलीय इलाका होने की वजह से रोजगार की कमी है. अधिकतर लोग रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं.
अवैध खननः इलाके में दो बड़ी रेत नदियां कन्हान और जाम है. जबकि डोलामाइट की खदानें हैं, जहां से नागपुर में रेत परिवहन होता है. इसमें सफेदपोशों का हाथ मुद्दा हमेशा उठता है.
संतरे की भरपूर पैदावार होती है, लेकिन निर्यात शुल्क अधिक होने की वजह से बांग्लादेश और दूसरे देशों में यहां का संतरा पहुंच नहीं पा रहा है. जिसकी वजह से संतरा उत्पादक किसानों को काफी नुकसान हो रहा है, यही भी एक बड़ा मुद्दा है.
विजय चौधरी कांग्रेस नेता
संभावित उम्मीदवार: इस विधानसभा के उम्मीदवारों पर नजर डालें तो भाजपा के लिए सबसे बड़ा चेहरा व नानाभाऊ मोहड़ ही हैं, क्योंकि नानाभाऊ मोहड़ 2003 से लगातार चुनाव जीते हैं. वहीं 2008 में चुनाव जीतने के बाद ये राज्य शिक्षा मंत्री बने. नानाभाऊ मोहड़ कुनबी समाज से आते हैं और अपनी सहज व सरल छवि के लिए जाने जाते हैं. साल 2018 में चुनाव हारने के बाद कमलनाथ का विधानसभा क्षेत्र होने के बाद भी नगर पालिका के चुनाव में इन्होंने एकतरफा जीत दर्ज की. वहीं जनपद और जिला पंचायत के चुनावों में भी काफी अच्छा रिजल्ट मिला. कांग्रेस से विधायक रहे इलाके के कद्दावर नेता अजय चौरे ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली है. सिंधिया के करीबी माने जाने वाले अजय चौरे भी टिकट के प्रमुख दावेदारों में हैं. अगर भाजपा का अधिक उम्र वाले कैंडिडेट को टिकट नहीं देने का फार्मूला लागू होता है तो नानाभाऊ मोहड़ अपने भतीजे और जिला पंचायत के सदस्य संदीप मोहड़ को आगे बढ़ा सकते हैं. कांग्रेस से विजय चौरे वर्तमान विधायक दावेदार हैं, लेकिन इलाके में राजनीतिक छवि खराब होने की वजह से विजय चौरे एक प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.
हमेशा ही कुनबी रहा विधायक किसानों का रहेगा मुख्य मुद्दा: सौसर विधानसभा में हमेशा ही कुनबी समाज से विधायक चुनकर आता है, हालांकि मोहखेड़ विकासखंड में सब्जी उत्पादक किसान अधिकतर हैं. इसलिए इस बार किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा है और सब्जी के लिए प्रोसेसिंग यूनिट नहीं होना भी दोनों राजनीतिक दलों के लिए गले की फांस बन सकता है, क्योंकि इस सब्जी के लिए कोई प्रोसेसिंग यूनिट नहीं होने की वजह से किसानों को भारी नुकसान सहना पड़ रहा है.
विधायक बोले कमलनाथ को सीएम बनाने के लिए जनता करेगी वोट: 2018 में चुनाव जीत कर आए विधायक विजय चौरे का कहना है कि 15 महीनों की सरकार के दौरान कमलनाथ छिंदवाड़ा सहित सौसर विधानसभा में विकास के कई प्रोजेक्ट लेकर आई थी लेकिन सरकार जाने के बाद शिवराज सिंह सरकार ने सारे विकास कामों को रोक दिया और छिंदवाड़ा के साथ सौतेला व्यवहार किया एक बार फिर सौंसर विधानसभा के साथ ही छिंदवाड़ा जिले के विकास के लिए जनता कांग्रेस और कमलनाथ के पक्ष में वोट करेगी. वहीं बीजेपी के नेता नानाभाऊ मोहड़ का कहना है कि जब कमलनाथ की सरकार आई थी तो उस दौरान सिर्फ कमलनाथ ने किसानों और लोगों को बहला-फुसलाकर छलने का काम किया हकीकत में छिंदवाड़ा जिले में विकास नहीं किया जो विकास किया है वह शिवराज सिंह सरकार की देन है। सौसर और पूरे छिंदवाड़ा जिले के लिए सबसे बड़ी बात विश्व प्रसिद्ध हनुमान मंदिर जाम सांवली में हनुमान लोक बनाने की घोषणा शिवराज सिंह सरकार ने की है और इसके लिए कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है.