छिंदवाड़ा। एमपी की राजनीति में सभी लोग जानते हैं कि छिंदवाड़ा कमलनाथ का गढ़ है. जिसे भेदना बीजेपी के लिए आसान नहीं है. वहीं कुछ समय पहले तक पांढुर्णा छिंदवाड़ा का ही हिस्सा था, लेकिन सीएम शिवराज ने कुछ दिनों पहले ही पांढुर्णा को अलग जिला बनाने का ऐलान कर, उसे छिंदवाड़ा से अलग कर दिया है. हाल ही में नवगठित जिला पांढुर्णा में शामिल हुई छिंदवाड़ा की सौसर विधानसभा सीट अनारक्षित है, लेकिन हमेशा से ही यहां पर कुनबी समाज से विधायक चुना जाता है. खास बात यह है कि इसी विधानसभा के मतदाता पूर्व सीएम और पीसीसी के कमलनाथ भी हैं.
पहले पांढुर्णा और सौसर एक ही विस क्षेत्र: मराठी बेल्ट के सौसर विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण हमेशा हावी रहा है. वैसे सरकारी रिकॉर्ड में यह विधानसभा अनारक्षित है, लेकिन कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों दलों ने हमेशा से जातिगत समीकरण को देखते हुए कुनबी समाज के नेताओं को ही टिकट दिया है. अपवाद स्वरूप 1957 के विधानसभा चुनाव में समान वर्ग से रायचंद भाई शाह चुनाव जीते थे. उस समय सौसर और पांढुर्णा एक ही विधानसभा क्षेत्र हुआ करता था. इसके बाद पांढुर्णा अलग विधानसभा क्षेत्र बना.